त्वमादिदेव पुरुषः पुराण
त्वमस्य विश्वस्य पर निधानम।
वेत्तासि वेद्य च परं च धाम,
त्वया
तत
विश्वमनन्तरूप।arth in Hindi
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आप ही आदिदेव और पुराणपुरुष हैं तथा आप ही इस संसारके परम आश्रय हैं। आप ही सबको जाननेवाले, जाननेयोग्य और परमधाम हैं। हे अनन्तरूप ! आपसे ही सम्पूर्ण संसार व्याप्त है।
Explanation:
Hindi Translation By Swami Ramsukhdas
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