Hindi, asked by rohitkumar913467, 4 months ago

त्यागपत्र उपन्यास के कथानक पर प्रकाश डालिए​

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Answered by Nishika20
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Answer:

जैनेंद्र की तीसरी औपन्यासिक कृति 'त्यागपत्र' है। इसका प्रकाशन सन 1937 में हुआ। जीवन भर वह अपने आपको मृणाल की ओर से भुलावे में रखने में सफल होता है, परंतु मृणाल की अंतिम अवस्था उसे आंदोलित कर देती हैं और वह अपने पद जजी से त्यागपत्र देकर प्रायश्चित्त करता है। ...

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Answered by vishalabhi9350
0

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