'त्योहार सामाजिक जुड़ाव एवं प्रसन्नता का निर्माण करता है - इस कथन की सच्चाई पर
प्रकाश डालिए।
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त्योहारों का विचार मन में आते ही उत्सव का माहौल सा बन जाता है. लेकिन इन्हें धार्मिक रंग देने से सामाजिक एकता भंग होती है. इसलिए त्योहारों का पर्याय सामाजिक एकता, धूमधाम व प्रसन्नता हो, न कि धर्म की परिछाया. ... आने वाले त्योहार को सोच कर ही मन में हर्षोल्लास तथा स्फूर्ति का संचार होने लगता है.
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