तिया का का निम्नलिखित अवतरणों के आधार पर उनके साथ दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (क) संसार में ऐसे मनुष्य भी होते हैं, जो अपने आमोद-प्रमोद के आगे किसी की जान की भी परवाह नहीं करते, शायद इसका उसे भी विश्वास न आता था। सभ्य संसार इतना निर्मम, इतना कठोर है, इसका ऐसा मर्मभेदी अनुभव अब तक न हुआ था। पुराने जमाने के जीवों में था, जो लगी हुई आग को बुझाने, मुर्दे को कन्धा देने, किसी के छप्पर को उठाने और किसी शान्त करने के लिए सदैव तैयार रहता था। जब तक बूढ़े को मोटर दिखाई दी, वह खड़ा टकटकी लगाए उस ओर ताकत शायद उसे अब भी डॉक्टर साहब के लौट आने की आशा थी। फिर उसने कहारों से डोली उठाने को कहा। डोली जिधर से थी, उधर ही चली गई। चारों ओर से निराश होकर वह चड्ढा के पास आया था। इनकी बड़ी तारीफ सुनी थी। यहाँ से निराश फिर वह किसी दूसरे डॉक्टर के पास न गया। किस्मत ठोक ली! (i) पाठ और लेखक का नाम बताइए। (ii) रेखांकित अंशों में से किसी एक अंश की व्याख्या कीजिए। (iii) बूढ़ा कौन था और वह डॉक्टर चड्ढा के पास क्यों आया था?
Answers
Answered by
0
Answer:
bla bla. bla bla bla bla bla
Answered by
0
दिए गए अवतरणों के आधार पर उनके साथ दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।
( i ) पाठ का नाम है " मंत्र " तथा इस पाठ के लेखक है मुंशी प्रेमचंद।
( iii) बूढ़ा भगत था। उसका पुत्र बीमार था, इसलिए अपने पुत्र के इलाज के लिए डॉक्टर चड्ढा के पास आया था।
- डॉक्टर चड्ढा सेवा भाव से नहीं परन्तु अपना व्यवसाय समझकर इलाज किया करते थे।
- वे समय सीमा में बंधकर काम किया करते थे।
- जब भगत अपने बेटे के इलाज के लिए डॉक्टर साहब के पास आया, डॉक्टर चड्ढा ने उसे यह कहकर वापस कर दिया कि यह उनके खेलने का समय है ।
- भविष्य में डॉक्टर चड्ढा के बेटे को सांप ने काट लिया तो भगत ने उसे बचाया, तब डॉक्टर चड्ढा को अपनी गलती का अहसास हुआ।
Similar questions