त्या पुकार माध
अथवा
आसा-गुन बांधि के भरोसो - सिल धरि छाती,
पूरे पन-सिंधू मैं न बूडत सकाय हौं।
दुखदव हिये जारि अंतर उदेग आंच,
रोम-रोम त्रासनि निरन्तर तचाय हौं।
2. "कबीर की साखियों में गुरु महिमा का गुणगान है।"सिद्ध कीजिए कि वह आज भी प्रासंगिक है।
अथवा
"जायसी ने लौकिक प्रेम के माध्यम से अलौकिक प्रेम की व्यंजना की है।"सोदाहरण समझाइए।
3.
'वियोग की जितनी अन्तर्दशाएं हो सकती हैं वे सभी सूर के वियोग वर्णन में विद्यमान हैं। इस कथन
अथवा
"राम के अनन्य भक्तों मे तुलसी अग्रणी थे' कथन की पुष्टि सोदाहरण कीजिए।
धनानन्द के काव्य में प्रेम की सरस अभिव्यंजना हुई है। समझाइए।
अथवा
भक्तिकाल का वर्गीकरण करते हुए समझाइए।
5. किन्हीं चार बिन्दुओं पर टिप्पणी लिखिए :
क. रीतिकाल के प्रमुख लक्षण।
ख. विद्यापति व्यक्तित्व व कृतिव्व ।
ग. रहीम की काव्य यात्रा।
घ. रसखान की भक्ति भावना।
ड, हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन।
निम्नलिखित में से किन्ही चौदह वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
क. जाससी का पूरा नाम बताइए।
4.
8.
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