तब क्या होता है जब-
(i) n-ब्यूटिल क्लोराइड को ऐल्कोहॉलिक KOH के साथ अभिकृत किया जाता है?
(ii) शुष्क ईथर की उपस्थिति में ब्रोमोबेन्जीन की अभिक्रिया मैग्नीशियम से होती है?
(iii) क्लोरोबेन्जीन का जलअपघटन किया जाता है?
(iv) एथिल क्लोराइड की अभिक्रिया जलीय KOH से होती है?
(v) शुष्क ईथर की उपस्थिति में मैथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सोडियम से होती है?
(vi) मैथिल क्लोराइड की अभिक्रिया KCN से होती है?
Answers
Answer:
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Explanation:
okk
तब जो होता है वो लिखा गया है –
(i) n-ब्यूटिल क्लोराइड को ऐल्कोहॉलिक KOH के साथ अभिकृत किया जाने पे अभिक्रिया होता है-
CH_3-CH_2-CH_2-CH_2-Cl + KOH(Alc.) ------^-----> CH_3-CH_2-CH=CH_3 + KCl + H_2O
(ii) शुष्क ईथर की उपस्थिति में ब्रोमोबेन्जीन की अभिक्रिया मैग्नीशियम से होती है- C_6H_5Br + Mg -------DE------> C_6H_5MgBr
(iii) क्लोरोबेन्जीन का जलअपघटन किया जाता है और बिक्रिया होता है –
C_6H_5Cl + NaOH(aq) -----i. 6-8%NaOH, 623K,300atm, ii. dil. HCl ----> C_6H_5OH
(iv) एथिल क्लोराइड की अभिक्रिया जलीय KOH से होती है –
CH_3CH_2Cl + KOH(aq) -----हाइड्रलाइसीस--^----> CH_3CH_2OH +KCl +H_2O
(v) शुष्क ईथर की उपस्थिति में मैथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सोडियम से होती है- CH_3Br + 2Na + Br-CH_3 ------DE- भार्ज अभिक्रिया ------> CH_3 - CH_3 + 2NaBr
(vi) मैथिल क्लोराइड की अभिक्रिया KCN से होती है –
CH_3Cl + KCN --------Et OH, H_2O_2 --^-------> C_2H_3N + KCl