तचराग िले अाँधेरा कह िी निखिए
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एक गाव मे हरीराम नाम का मास्टर रहा करता था । उसके एक पुत्र था जो उनके साथ ही रहता था । हरीराम उसी गाव के विधालय मे पडाया करते थे । हरीराम का पुत्र कोलेज करता था । इस कारण वह शहर मे रहता था । हरीराम को उसे बारे मे कुछ नही मालुम था की वह क्या करता है ।
कही वह गलत काम
तो नही करता वह इस बारे मे कुछ नही सोचता था । क्योकी अपना बेटा तो सभी को सही लगता है । हरीराम गाव के सभी छोटे बच्चो को पढ़ाया करते थे । और जब भी समय मिल जाता तो वह गाव मे जाकर अच्छी बाते बताता ।
वह कहता की आप लोग अच्चे हो कभी बुरा काम करने मत लग जाना । हमको कभी भी गलत काम नही करना चाहिए । इस तरह से हरीराम लोगो को उपदेश देता रहाता था । हरीरामकी लोग बहुत इजत करते थे । चाहे वह बडा हो या छोटा सभी उसे गुरुजी कहते ।
लोगो को जब भी कोई काम होता तो वे सबसे पहले हरीराम से पूछते । फिर वह काम करते थे । हरीराम सभी लोगो के कार्य मे उपस्थित रहाता था । रविवार के दिन सभी गाव के लोगो के साथ बेठ कर वह उन्हे अच्छी बाते बताया करता था ।
गाव के लोग कभी भी हरीराम को अपने भाई से छोटा नही मानते थे । जब भी हरीराम को कोई जरुरत होती तो गाव के लोग उसकी साहयता करते थे । एक दिन गाव मे हरीराम का पुत्र आया जो कभी भी बडे बुजुग को प्रणाम नही करता था । और न
ही उनके पास तक आता ।
इससे गाव के लोग कहने गले की बाप केसा है और इसका बेटा केसा है । उसका लडका शहर मे रहता था इस कारण गाव का माहोल उसे पंसन्द नही आता था । और वह कुछ दिन रहने के बाद मे गाव से चला जाता । एक दिन गाव के एक घर मे शादी थी तो वह हरीराम को शादी मे उपस्थित हाने को कहने के लिए आया था ।
हरीराम को कह कर वह आदमी जाने लगा तो हरीराम ने कहा की कुछ देर यहा पर बेठ जाओ और मेरे बेटे से मिल लो । वह आदमी हरीराम की बात मान ली और वहा पर बेठ गया । तभी हरीराम ने अपने बेटे से कहा की इनके लिए कुछ खाने को ले आओ ।
हरीराम ने अपने बेटे से उस आदमी के लिए खुब सेवा कराई इससे हरीराम का बेटा उस आदमी पर घुस्सा हो गया । कुछ समय के बाद हरीराम ने कहा की बेटे मे किसी काम से दूसरे गाव जा रहा हूं तुम उस आदमी के घर चले जाना ।
इस कारण हरीराम का बेटा उस आदमी के घर गया और शादी मे उपस्थित हो गया । हरीराम के बेटे को वहा पर कुछ और लडके मिल गए जिनके साथ उसने दारू पी ली । दारु पी लेने के कारण हरीराम के लडके को कुछ भी याद नही राहा की मुझे क्या करना है ।
वह उस आदमी से झगडा करने लग गया जा उसके घर आया था । और जब कोई लडाई रोकने के लिए आता तो वह उसे भी मारने गला गालिया देने लगा । इस तरह से हरीराम के लडके ने वहा पर खुब तमासा किया । जिससे गाव के लोगो ने काहा की देख लो मास्टर दुसरो को उपदेश देता फिर रहा है और उसे अपने बेटे के बारे मे पता भी नही है की वह केसा है सच है चिराग के तले अंधेरा होता है ।
जब दुसरे दिन हरीराम आया तो उसे पुरी बात पता चली जिससे हरीराम ने अपने लडके को खुब पिटा और शहर वापस भेज दिया । शहर जाने के बाद मे वह लडका फिर से झगडा करने लग गया ।
चिराग तले अंधेरा हाने की कहानी
एक दिन उसने किसी को मार दिया जिसकी सुचना गाव के लोगो को मिली तो वे हरीराम के पास गए और पूरी सुचना उसे बता दि । यह सुनकर गाव के लोगो मे से ही एक बोला कि यह मास्टर दुसरे लोगो को सही रास्ते पर चलने को कहता है । और खुद के बेटे का ध्यान नही रखा इसे ही तो कहते है चिराग के तले अंधेरा होना । इस कहानी से आप समझ गए होगे की चिराग तले अंधेरा होना किसे कहते है ।
Explanation:
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