Hindi, asked by laharamporte9, 4 months ago

टघल टघल सुरुज
झरत, धरती ऊपर
डपकत है गिर पसीना।
माथा दिपिर छापर​

Answers

Answered by deveshkumar9563
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Explanation:

गर्मी का मौसम, यानी पसीने का मौसम. परेशानी तब और बढ़ जाती है जब चिपचिपी गर्मी के साथ पसीने की बू भी आती है. लेकिन देखा जाए तो पसीना आना बहुत जरूरी है.

कभी गर्मी से, कभी डर से, कभी बुखार के बाद. शरीर को ठंडा करने की प्रणाली है पसीना. लेकिन पसीना आता कैसे है. जर्मनी के डार्मश्टाड में त्वचा रोग विशेषज्ञ श्टेफान रापरिष बताते हैं, "पसीना आना हमारे शरीर का स्वाभाविक काम है. जिससे शरीर का तापमान नियंत्रण में रहता है. पसीना त्वचा पर अलग होता है और भाप बनकर निकलता है जिससे शरीर ठंडा होने लगता है. यह सिर्फ तब होता है जब जरूरत होती है, यानी तब, जब शरीर का तापमान एक सीमा से पार हो जाए."

सोते वक्त भी हमारे शरीर से पसीना निकलता रहता है. एक रात में शरीर करीब आधा लीटर पानी खोता है. सौना में, कसरत करते हुए तो शरीर से और पसीना निकलता है. दिन में शरीर 10 लीटर पानी तक खो सकता है. पसीने में 99 प्रतिशत पानी होता है. बाकी नमक और चर्बी होती है.

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