Hindi, asked by py942572, 8 months ago

Taj kavita ka sar par tippnni likhiy

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Answered by priyanayak0506
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Answer:

हाय! मृत्यु का ऐसा अमर, अपार्थिव पूजन?

जब विषण्ण, निर्जीव पड़ा हो जग का जीवन!

संग-सौध में हो शृंगार मरण का शोभन,

नग्न, क्षुधातुर, वास-विहीन रहें जीवित जन?

मानव! ऐसी भी विरक्ति क्या जीवन के प्रति?

आत्मा का अपमान, प्रेत औ’ छाया से रति!!

प्रेम-अर्चना यही, करें हम मरण को वरण?

स्थापित कर कंकाल, भरें जीवन का प्रांगण?

शव को दें हम रूप, रंग, आदर मानन का

मानव को हम कुत्सित चित्र बना दें शव का?

गत-युग के बहु धर्म-रूढ़ि के ताज मनोहर

मानव के मोहांध हृदय में किए हुए घर!

भूल गये हम जीवन का संदेश अनश्वर,

मृतकों के हैं मृतक, जीवतों का है ईश्वर!

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