Tajmahal per Ek nibandh likhen.
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ताज महल भारत में आगरा, उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। यह आगरा किले से कम से कम 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह सफेद संगमरमर का प्रयोग करके बनाया गया है, जो इसे आकर्षक और अद्भुत रुप देता है। यह विश्व के सबसे महान और आकर्षक स्मारकों में से एक है, जो विश्व के सात आश्चर्यों में शामिल है।
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ताजमहल को शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल जिसकी मृतु 17 जून 1631 को हो गई थी उसकी कब्र के लिए बनाया था यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में यमुना नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थिर है जब उसकी पत्नी की मृतु हुई तब वो उसकी 14 वी संतान को जन्म दे रही थी जिसका नाम गौहर बेगम था ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और इसका मकबरा 1643 में पूरा हुआ
जबकि आसपास की इमारतो और बगीचे को बनने में दस साल बाद तक पूरा किया गया था इसमें स्वय शाहजहाँ का मकबरा भी है साथ ही शाहजहाँ की अन्य पत्नियों और यहाँ तक की उसके पसंदीदा नौकर को भी ताजमहल के बाहर मकबरों में दफनाया गया है ताजमहल के परिसर में एक मस्जिद और एक गेस्ट हाउस भी है
ताजमहल का निर्माण आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी के मार्ग दर्शन से 20,000 से अधिक कारीगरों द्वारा बनाया गया था उस्ताद अहमद लाहौरी जो ताजमहल के मुख्य वास्तुकार थे वो भारत के नहीं थे बल्कि वह ईरान के फ़ार्सी थे इसके निर्माण समर्ग्री के परिवहन के लिए 1000 से अधिक हाथियों का उपयोग किया गया था ताजमहल को बनाने के लिए सामान कई जगह से मंगवाया गया था
जैसे :- सफ़ेद संगमरमर को मकराना राजस्थान से ,जैस्पर को पंजाब से ,जेड और क्रिस्टल को चीन से ,फिरोजा को तिब्बत से , लापीस लजूली को अफगानिस्तान से ,नीलम को श्रीलंका से और करेलियम को अरब से लाया गया था इसमें 28 प्रकार के कीमती और अर्द्ध कीमती पत्थरो को सफ़ेद संगमरमर में जड़ा हुआ था जिनको ब्रिटिश सैनिको ने 1857 में सिपाही विद्रोह के दौरान ताजमहल के दीवारों से निकाल लिया गया था
ताजमहल के बारे में 10 महत्वपूर्ण बाते
क्या आप जानते है की ताजमहल क़ुतुब मीनार से भी लम्बा है जो क़ुतुब मीनार की लम्बाई है 72.5 मीटर है और जो ताजमहल की लम्बाई है 73 मीटर है जो क़ुतुब मीनार से ताजमहल लम्बा है
ताजमहल के आस-पास के चार मीनारों का निर्माण मुख्य संरचना के सामान्य से अधिक दूर किया गया था मीनारे सीधे खड़े होने के वजाय थोडा बहार की और झुकी हुई है क्योकि अगर कभी भूकंप या किसी अन्य कारण से कोई मीनार गिरती है तो यह बाहर की तरफ गिरे ताकि मुख्य भाग को नुकसान न हो
क्यों आप जानते है की आगरा ताजमहल के लिए वास्तविक स्थल नहीं था इससे पहले ताजमहल बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) में बनाया जाने वाला था जहां मुमताज की मृत्यु बच्चे के जन्म के दौरान हुई थी लेकिन दुर्भाग्य से बुरहानपुर प्रयाप्त रूप से सफ़ेद संगमरमर की आपूर्ति नहीं हो सका इसलिए आगरा में ताजमहल के निर्माण के लिए अंतिम निर्णय लिया गया शाहजहाँ ने महाराजा जय सिंह को जमीन के बदले में आगरा के केंद्र में एक बड़ा महल भेट किया था
ताजमहल को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान A.S.I (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) द्वारा छुपाया गया था यह एक विशाल मचान के साथ कवर किया गया था जिससे यह बांस के भंडारण जैसा देखने में प्रतीत होता है बाद में एक बार फिर इसे 1971 में भारत और पाकिस्तान युद्ध के दौरान छुपाया गया था ऐसा एक लिया किया गया था ताकि दुसरे देश के वायु सेना इसे पहचान कर नस्ट न करदे
2008 में एक बंगलादेशी फिल्म निर्माता ने 56 मिलियन यानि (5 करोड़ 60 लाख) अमेरिकी डॉलर की लागत से ताजमहल की प्रतिकृति का निर्माण किया ताकि बंगलादेश में उनके गरीब देशवासी भारत की यात्रा किए बिना प्रसिद्ध स्मारक का आनंद ले सके प्रतिकृति को आधुनिक उपकरणों के साथ पूरा करने में पांच साल लग गए
अपने कभी न कभी जरुर सुना होगा की शाहजहाँ ने ताजमहल निर्माण होने के बाद कलाकारों और वास्तुकारों के हाथ कट दिए थे ताकि वे कभी एस तरह के खुबसूरत करतब को न दोहरा सके ये महज एक मिध्य है और अभी तक इस बात का कोई बहुत नहीं मिला है
शाहजहाँ ने ताजमहल के सामने मेहताब गार्डेन में काले रंग में दूसरा ताजमहल बनवाना चाहते थे जो दिखने में एकदम ताजमहल के जैसा हो काला ताजमहल शाहजहाँ अपने मक्बरेके लिए बनाना चाहता था हालांकि अभी तक एस बात का कोई वास्तविक साबुत नहीं मिला है
कहा जाता है की ताजमहल का परिसर 1653 में लगभग 32 मिलियन यानि 3 करोड़ 20 लाख रूपए को लागत से पूरा हुआ था जो 2020 में लगभग 70 बिलयन डॉलर यानि 7 हजार करोड़ का होगा
ताजमहल को 1983 में यूनेस्को विश्र्व धरोहर स्थल में शमिल किया गया था ताजमहल को देखने के लिए लगभग 7-8 मिलियन पर्यटक हर साल आते है भारतीय पर्यटकों के लिए ताजमहल प्रवेश टिकट 45 रूपए सार्क देशो के नागरिको के लिए 535 रूपए और विदेशी नागरिको के लिए 1050 रूपए और 15 वर्ष के कम उम्र के बच्चो के लिए कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है
ताजमहल कई मायनो में एक अजूबा है इसका रंग आकाश की स्थिति के अनुसार बदलता रहता है यह सुबह में गुलाबी देखता है , दिन की धुप में सफ़ेद और रात में हल्का नीला दिखता है l