तकादे को पत्र कब लिखा जाता है?
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ग्राहक को उधार दिये गये माल का भुगतान करने की याद दिलाने लिये व्यापारी द्वारा तकादे का पत्र लिखा जाता है।
Explanation:
किसी भी व्यापार में पूंजी की आवश्यकता होती है और जरूरी नहीं कि व्यापारी के पास पर्याप्त पूंजी हो ऐसे में पूर्णतः नकद लेन-देन पर व्यापार संभव नहीं हो पाता। व्यापारी को उधार लेना और देना पड़ता ही है।
अपने ग्राहक बनाने के लिए और अपने व्यापार का प्रवाह बनाए रखने के लिए उधार देना व्यापार की एक जरूरी आवश्यकता है, इसलिए जब व्यापारी उधार माल भेजता है और ग्राहक समय पर भुगतान नहीं करता है तो उसे भुगतान की याद दिलाने के लिए तकादे का पत्र का लिखा जाता है। आरंभ में तकादे के पत्र में सामान्य और नरम भाषा का प्रयोग करते हुए उसके भुगतान के विलंब के बारे में लिखा जाता है और शीघ्र ही भुगतान करने का अनुरोध किया जाता है। उसके पश्चात यदि ग्राहक समय पर भुगतान करने में कोई रुचि नहीं लेता और व्यापारी के पत्र का उत्तर भी नहीं देता तो आगे चलकर कठोर भाषा का उपयोग करते हुए भी तकादे के पत्र लिखे जाते हैं। आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी जाती है।