तकनीकी-आर्थिक विश्लेषण में पहचान किया जाता है
(B)
माँग संभावना
(A)
पूर्ति संभावना
(D)
आयात संभावना
निर्यात संभावना
"C)
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निर्यात क्षमता सही उत्तर है।
टेक्नो-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी से तात्पर्य प्रोजेक्ट डिमांड पोटेंशियल के आकलन और इष्टतम तकनीक के चुनाव से है।
तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता मौजूदा बाजार और प्रौद्योगिकी का विश्लेषण है।
प्रौद्योगिकी की पसंद परियोजना की डिजाइन में मांग की क्षमता पर आधारित होगी।
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