Music, asked by agadekar226, 5 months ago

तमिलनाडु किसान आंदोलन​

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Answered by SIDDH2929
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Answered by chaudharykashish123
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Answer:तमिलनाडु में किसान यूनियन मज़बूत

ख़ास बात यह है कि इसी मुद्दे पर तमिलनाडु के किसानों ने प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार दिल्ली के प्रदर्शन में वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. अय्याकन्नू भी इन प्रदर्शनों से ग़ायब हैं.

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि वो कहां ग़ायब हैं और नए कृषि क़ानूनों को लेकर उनकी राय क्या है? और इन विरोध प्रदर्शन को लेकर तमिलनाडु के दूसरे किसान संगठन क्या सोच रहे हैं?

तमिलनाडु में किसानों की अपनी यूनियन है जिसकी राज्य भर में शाखाएं हैं. भारतीय किसान यूनियन की इस इकाई से बड़ी संख्या में किसान जुड़े हुए हैं. यह अखिल भारतीय किसान संघर्ष संयोजन समिति का भी हिस्सा है.

ख़ास बात यह है कि दिल्ली की सीमा पर हो रहे प्रदर्शन के आयोजन में इस समिति की अहम भूमिका है.

ऐसे में सवाल यह है कि तमिलनाडु की किसान यूनियन ने दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शन में अपने किसानों को क्यों नहीं भेजा है?

इस यूनियन के राज्य सचिव पी. शनमुगम ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हम लोगों ने पूरे राज्य में प्रदर्शन आयोजित किए हैं. हम लोग चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं. हमारी यूनियन राज्य में क़रीब 500 जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर चुकी है."

उन्होंने यह भी बताया कि जब दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की योजना बन रही थी, तब यह फ़ैसला लिया गया था कि इसमें छह राज्यों (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश) के किसान हिस्सा लेंगे. लिहाजा, योजना के मुताबिक़ ही प्रदर्शनों का आयोजन हो रहा है.

उन्होंने कहा, "अब इसमें महाराष्ट्र के किसान भी शामिल हो चुके हैं फिर भी केंद्र सरकार ने इसे लगातार पंजाब के किसानों का प्रदर्शन बताने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें अब दूसरे राज्यों के किसान संगठन के प्रतिनिधियों को भी बातचीत में शामिल करना पड़ रहा है."

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