तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का ph पेपर पर आने वाला रंग
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हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक प्रमुख अकार्बनिक अम्ल है। वस्तुतः हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के जलीय विलयन को ही हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कहते हैं।
३०% सान्द्रता वाला हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
इस अम्ल का उल्लेख ग्लौबर ने १६४८ ई. में पहले पहल किया था। जोसेफ़ प्रीस्टली ने १७७२ में पहले पहल तैयार किया और सर हंफ्री डेवी ने १८१० ई. में सिद्ध किया कि हाइड्रोजन और क्लोरीन का यौगिक है। इससे पहले लोगों की गलत धारणा थी कि इसमें ऑक्सीजन भी रहता है। तब इसका नाम 'म्यूरिएटिक अम्ल' पड़ा या जो आज भी कहीं कहीं प्रयोग में आता है।
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तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का ph पेपर पर आने वाला रंग-
- यह हाइड्रोजन आयनों की सांद्रता निर्धारित करने के लिए एक पैमाना है। पीएच में p का अर्थ है पोटेंज़, जिसका जर्मन अर्थ "शक्ति" है। यह 0 (बहुत अम्लीय) से लेकर 14 (अत्यंत क्षारीय) (बहुत क्षारीय) तक होता है।
- किसी विलयन का pH वह संख्या होती है जो दर्शाती है कि यह कितना अम्लीय या क्षारीय है।
- पीएच मान जितना कम होगा, घोल में हाइड्रोनियम आयनों की सांद्रता उतनी ही अधिक होगी। [पीएच हाइड्रोजन आयन शक्ति के लिए खड़ा
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