Hindi, asked by 400004048, 1 month ago

तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में,
सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में,
एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा,
कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।​

Answers

Answered by THEGOODBOY90
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Answer:

मेहनत के आगे हाथ के लकीरें भी काम ने आती ,

जब भी होता हु मुसीबत में हर पल मां के दुआ काम आती है ।

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