Hindi, asked by joshnajustin7a, 6 months ago

तनम्नलिखिि गद्ाांश पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर एक ्ा दो वाक््ों र्में लिखिए।

मनुष्य सामजिक प्राणी है, परस्पर सहयोग उसके िीवन का महत्त्वपूणण अंग है। परस्पर सहयोग

के अभाव में समाि का अजस्ित्व ही नहीं रह िािा। व्यजति को पग पग पर दसू रों के सहयोग

और सहायिा की आवश्यकिा पड़िी है। कहा िािा हैपरहहि ही सबसे बड़ा पुण्य है और

दसू रों को कष्ट देना ही सबा से बड़ा पाप है। परोपकार के सामान दसू रा धमण नहीं हैं।

'परोपकार' का अर्ण है ‘पर का उपकार’ यानी दसू रों का उपकार करना। पारोपकार का प्रत्यक्ष

उदाहरण प्रकृति में देखने को ममलिा है। मेघ दसू रों के मलए वर्ाण करिे हैं, वायुदसू रों के मलए

चलिी हैिर्ा सररिा भी दसू रों की प्यास बझु ाने के मलए बहिी है। पुष्प अपनी सुगंध बबखेर

कर, वक्षृ स्वयं धूप सहकर और पथर्कों को छाया प्रदान करके हमें परोपकार की प्रेरणा देिे प्रिीि

होिे हैं। परोपकार करने वाले मनुष्य पूज्य बन िािा है। परहहि के कारण ही गांधीिी ने

गोमलयां खाईं, रािा मिवव ने बाि के आक्रमण से भयभीि कबूिर की रक्षा के मलए अपने िरीर

का मांस हदया , ऋवर् दधीजि ने मानव कल्याण के मलए स्वेच्छा से अपनी अजस्र्यां दान दीं।

भगवान बुद्ध ,महावीर िैसे महापुरुर्ों ने मानविा को परोपकार का पावन मागण हदखाया।

i) परोपकार तया है? (2)

ii) मानविा को परोपकार का र्मागध ककन लोगों ने हदखाया? (2)

iii) ऋवर् दधीथच ने ककस मलए अपनी अजस्र्यां दान र्में दीं ? (2)

iv) ककसने और ककसलिए अपने िरीर का मांस बाि को हदया र्ा? (2)

v) परोपकार का प्रत््क्ष उदािरण प्रकृति िै, ्ि कै से कि सकिे िैं? (2)



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Answered by farzanatabassum886
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