‘तप्त धरा’ का सांकेतिक अर्थ क्या है?
1 point
(क) गर्म धरती
(ख) सूखी धरती
(ग) दुखों से पीड़ित धरती
(घ) इनमें से कोई नहीं
Answers
सही विकल्प होगा...
✔ (ग) दुखों से पीड़ित धरती
स्पष्टीकरण ⦂
✎... ‘तप्त धरा’ का सांकेतिक अर्थ है, दुखों से पीड़ित धरती।
‘उत्साह’ कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला कहते हैं कि...
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!
तप्त धरा, जल से फिर
शीतल कर दो
अर्थात कवि बादलों को संसार का नया जीवन देने का आह्वान करते हुए कहता है कि तुम गरज कर मूसलाधार घनघोर वर्षा करो, जिससे यह जगत शीतल और तृप्त हो जाए तुम नई सृष्टि की रचना करने वाले हो और समस्त जगत को जल देकर नया जीवन प्रदान करते हो। तुम्हारे अंदर वज्रपात करने की असीम शक्ति समाई हुई है। कवि बादलों का आह्वान करते हुए कहता है कि तपती गर्मी से बेहाल लोगों का मन कहीं नहीं लग रहा है, वह गर्मी से व्याकुल हैं। ऐसे में जब चारों तरफ बादल घिर आए हैं तो हे बादल! तुम बरस जाओ और इस तपती धरती को अपने शीतल जल से तृप्त कर दो।
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