Hindi, asked by pendroseema, 1 month ago

'तपते देखा-गलते ददेखा' मे गलने का क्या आशय हैं ?​

Answers

Answered by armanmullick97
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Answer:

एल्बम का नाम:- तीसरी मंजिल (1966)

गायक :- मोहम्मद रफी।

अभिनेता:- शम्मी कपूर।

तुमने मुझे देखा

तुमने मुझे देखा होकर मेहरबान

रुक गई ये ज़मीन, थम गया आसमान

जानेमन जानेजान, तुमने मुझे देखा

कहीं दर्द के सहरा में रुकते चलते होते

सराय होतें की हसरत में टैपते जलते होते

महरबान हो गई जुल्फ की बदलियां

जानेमन जानेजान, तुमने मुझे देखा

हो लेकर ये हसीन जलवे

तुम भी न कहां पाहुचे

आखिर को मेरे दिल तक

कदमों के निशान पाहुचे

खतम से हो गए

रास्ते सब यहाँ:

जानेमन जाने जाने

तुमने मुझे देखा होकर मेहरबान

रुक गई ये ज़मीन, थम गया आसमान

जानेमन जाने जाने

तुमने मुझे देखा

Answered by ssanskriti1107
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Answer:

  • 'तपते देखा - गलते देखा' कविता में 'वीरांगना' कविता में कवि द्वारा 'तपते देखा, गलते देखा' पंक्ति में पिघलने से कवि का अर्थ है कि जिस तरह से लोहे को गर्म किया जाता है , पिघलाया जाता है और एक नए सांचे में ढाला जाता है। यह एक प्रक्रिया है, वैसे ही स्त्री भी तप करके कई रूपों में ढल जाती है।

  • नारी जीवन में अनेक प्रकार के कष्टों, दुखों आदि को भोगती है, दु:खों की अग्नि में तपस्या करने के बाद पिघलकर नये रूप में सामने आती है।

  • एक महिला अपने परिवार की रक्षा के लिए, अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक होने पर आक्रामक हो सकती है और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए गोली की तरह चल भी सकती है।

  • कवि का अर्थ यह है कि नारी विभिन्न विषम परिस्थितियों में त्याग और गलन से ही नायिका बनती है।

#SPJ3

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