Hindi, asked by mpsagar2657, 8 months ago

Tapman me ho rahe parivrtan ka jan jivan par prabhav anuched

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Answered by gauravarduino
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Explanation:

मौसम चाहे कितना ही सुखद क्यों न हो, यदि वह ... हम कहीं भी रहते हों -पृथ्वी की सतह पर ही नहीं, ... गर्भ में अथवा अंतरिक्ष में भी- मौसम के प्रभाव ...

Answered by rahulsingh91
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धरा पर तापवृद्धि के फलस्वरूप उन्मुक्त हुई सामान्य और प्रचंड मौसमी स्थितियाँ तबाही का कारण बन रही हैं। उदाहरण के लिए बाढ़ की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ बाढ़ पीड़ितों की संख्या भी बढ़ी है। बाढ़ के मामले में बांग्लादेश से अधिक संवेदनशील शायद ही कोई देश हो। यहां एक करोड़ सत्तर लाख से अधिक लोग समुद्र के स्तर से 1 मीटर से भी कम ऊंचे स्थानों पर रहते हैं और लाखों अन्य लोग गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के सपाट तटों पर बसे हुए हैं।जैसे-जैसे जलवायु में परिवर्तन हो रहा है, सूखा, बाढ़, लू, अत्यधिक वर्षा, उष्णकटिबंधीय तूफान और चक्रवात जैसी मौसमी प्रचंडताओं में वृद्धि होने की आशंका है जिसका प्रभाव मानव स्वास्थ्य, जनजीवन, जन कल्याण और अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। विडंबना यह है कि आने वाले वर्षों में प्रत्यक्ष रूप से तो जलवायु में हो रहे परिवर्तन के कारण समाज में मौसम और जलवायु की प्रचंडताओं का सामना कर सकने की क्षमता घटने के कारण ये स्थितियाँ अधिक गंभीर रूप से सामने आएंगी। गर्माते वायुमंडल के 

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