तरंग संचरण के लिए क्या आवश्यक है ?
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Explanation:
ध्वनि एक प्रकार की तरंग है जो किसी कम्पायमान स्रोत से उत्पन्न होती है तथा द्रव्यात्मक माध्यम में एकान्तर क्रम में उत्पन्न होने वाले संपीडनों तथा विरलनों के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति करती है। ध्वनि केवल द्रव्यात्मक माध्यम में ही अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में संचरित हो सकती है। निर्वात में किसी भी ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता, क्योंकि निर्वात में द्रव्यात्मक माध्यम नहीं होता है। अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण संपीड़न तथा विरलन के रूप में होता है। संपीडन तथा विरलन का बनना माध्यम के घनत्व तथा आयतन में परिवर्तन से सम्बद्ध होता है। इसी कारण अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण उन सभी माध्यमों में होता है जो अपने आयतन में होने वाले परिवर्तन का विरोध कर सकें।
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ध्वनि एक प्रकार की तरंग है जो किसी कम्पायमान स्रोत से उत्पन्न होती है तथा द्रव्यात्मक माध्यम में एकान्तर क्रम में उत्पन्न होने वाले संपीडनों तथा विरलनों के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति करती है। ध्वनि केवल द्रव्यात्मक माध्यम में ही अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में संचरित हो सकती है। निर्वात में किसी भी ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता, क्योंकि निर्वात में द्रव्यात्मक माध्यम नहीं होता है। अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण संपीड़न तथा विरलन के रूप में होता है। संपीडन तथा विरलन का बनना माध्यम के घनत्व तथा आयतन में परिवर्तन से सम्बद्ध होता है। इसी कारण अनुदैर्ध्य तरंगों का संचरण उन सभी माध्यमों में होता है जो अपने आयतन में होने वाले परिवर्तन का विरोध कर सकें।