Hindi, asked by umeshchandra261141, 1 year ago

तर्क करने वाला दिमाग ऐसे चाकू की तरह है जिसमे सिर्फ धार है

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Answered by AbsorbingMan
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तर्क और क्रोध इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इंसान को तर्क कहीं‌ का नहीं छोड़ता है। घुन‌‌ की तरह होता है तर्क जो धीरे-धीरे अच्छे व्यक्ति को खराब कर देता है।

इसलिए हम बच्चों को तर्क करने से रोकते हैं। बच्चों तर्क करते हुए बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते। इसलिए उन्हें स्कूल में समझाया जाता है कि तर्क नहीं करो। भद्र बनने की सलाह दी जाती है।

तर्क करने वाला व्यक्ति बहुत कुछ पाकर भी कुछ नहीं पाता है। जी, हां लोगों का पर्याय नहीं पाता है।

इसलिए टैगोर साहब ने बोला है कि तर्क धारदार चाकू की तरह होता है जिसका प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपना ही हानि करता है। अपने हाथ को रक्तशील करता है।


Answered by Anonymous
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Aisa maana jaata hai ki tark karnewala vyakti ek aise chakni ki traha hota hai jo usse pakarnewLe harsh ko bhi ghayal per deta hai.

Aisa isiliye kyunki tark karnewala vyakti sabse behes karta hai aur Sabko galat saabit karne main laga rehta hai

Uske is vyavhaar se sabhi aahat hote hain.Aur usse door hi rehna pasand karte hain


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