तरुओं को त्यागी क्यों कहा गया है ?
Answers
तरुओं को त्यागी क्यों कहा गया है ?
तरुओं को त्यागी इसलिए कहा गया है, क्योंकि तरु यानी पेड़ सदैव निस्वार्थ भाव से रहते हैं। निस्वार्थ भाव से मनुष्यों की सेवा करते हैं और अपने माध्यम से फल, फूल, कंदमूल, औषधियां, लकड़ी आदि जरूरी पदार्थ प्रदान करते हैं। वह संसार के सभी प्राणियों, पशु-पक्षी, मनुष्य ही क्यों ना हो सब को आश्रय प्रदान करते हैं। वह प्राणियों के लिए प्राणवायु प्रदान करते हैं। धरती पर वर्षा कराने में भी उनकी अहम भूमिका होती है। बदले में वह किसी भी प्राणी से कुछ भी नहीं लेते बल्कि वह केवल देते ही हैं इसीलिए तरुओं को त्यागी कहा गया है।
#SPJ2
Learn More :
हरिततरूणां ललितलतानां माला रमणीया।
कुसुमावलिः समीरचालिता स्यान्मे वरणीया।
नवमालिका रसालं मिलिता रुचिरं संगमनम्।
https://brainly.in/question/22492155
तृण-तरूओं से उग-बढ़, इस पंक्ति का अर्थ है?,
1. घास-फूस की तरह हल्के हैं इसलिए तिनकों की तरह उड़ रहे हैं।
2. पौधों तथा घास की तरह बिना कुछ खाये पिए बढ़ रहे हैं।
3. घास तथा पौधों की तरह पैदा हो रहे हैं तथा मर रहे हैं।
4. प्राकृतिक वातावरण में घास व पौधों की तरह फल-फूल रहे हैं।
https://brainly.in/question/30092657