तरु-तृण वन-लता-वसन,
अंचल में खचित सुमन,
गंगा ज्योतिर्जल-कण
धवल-धार हार गले। means ?
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तारू-त्रिन वान-लता-वासन,
सुमन, ज़ोन में कशीदाकारी,
गंगा ज्योतिर्जल-काना
सफेद धार वाले गले का हार पहनें।
Here is the "Hindi" translation of the given lines .
PLEASE MARK AS THE BRAINLIEST AND THANK YOU FOR ASKING
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उत्तर:इस गद्माश में कवि भारत भूमि का गुणगान कर रहा है भारत भूमि वनों फूलों, वनस्पतियों से घिरी हुई है यहाँ हिमालय पर्वत उपस्थित हैं इसके चरणों सागर धो रहा है!
व्याख्या;कवि कह रहा है हरी भरी संपदा से संपन्न भारत भूमि इसके चरणों के समीप लंका मानो शीतदल कमल की भातिं उपस्थित हैं और गजरता सागर इसके चरणों को धो रहा है इसके वनों में फैली वनस्पतियाँ लताएँ वृक्ष, फूलों से इसका आंचल सजा है गंगा की जलधारा इनका ज्योतिमय हार है सुनहरी बरफ ढका हिमालय उसका मुर्कट है|
व्याख्या;कवि कह रहा है हरी भरी संपदा से संपन्न भारत भूमि इसके चरणों के समीप लंका मानो शीतदल कमल की भातिं उपस्थित हैं और गजरता सागर इसके चरणों को धो रहा है इसके वनों में फैली वनस्पतियाँ लताएँ वृक्ष, फूलों से इसका आंचल सजा है गंगा की जलधारा इनका ज्योतिमय हार है सुनहरी बरफ ढका हिमालय उसका मुर्कट है|
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