Hindi, asked by priyanshi846130, 4 months ago

'तरुवर फल नहीं खात है' इस दोहे से रहीम जी क्या संदेश देना चाहते हैं ?​

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Answered by sachinsingh2947
5

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hey, follow me if you want

thanks my all answer

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Answered by Anonymous
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तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान। कहि रहीम पर काज हित, संपति संचहि सुजान।। ... अर्थ: कविवर रहीम कहते हैं कि जिसत तर पेड़ कभी स्वयं अपने फल नहीं खाते और तालाब कभी अपना पानी नहीं पीते उसी तरह सज्जनलोग दूसरे के हित के लिये संपत्ति का संचय करते हैं।

Explanation:

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