तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान।
कति रहीम पर काज हित, संपति संचहि सुजान।।।।
अर्थ बताईये
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Hey mate here is your answer
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इस कविता का क्या महत्व है कि हम लोग जब छोटे काम करके फल जाना चाहेंगे तो हमें नहीं मिलेगा और अगर हम बड़े काम करेंगे तो हमें अपना फल अपने आप मिल जाएगा यही इसका अर्थ है धन्यवाद
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I hope it will helps you
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