Hindi, asked by sejaldubey2008, 6 months ago

तरुवर फल नहिं खात है सरवर पियत न पान कहि रहीम पर काज हित संपति सचिन सुजान इसका प्रसंग​

Answers

Answered by kanishka185794
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Answer:

तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान। कहि रहीम पर काज हित, संपति संचहि सुजान।। ... अर्थ: कविवर रहीम कहते हैं कि जिसत तर पेड़ कभी स्वयं अपने फल नहीं खाते और तालाब कभी अपना पानी नहीं पीते उसी तरह सज्जनलोग दूसरे के हित के लिये संपत्ति का संचय करते हैं।

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