Hindi, asked by nandithanaveen385, 1 month ago

तरुवर फल नहिं खात है. सरवर पियत न पान। कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।।3।।​

Answers

Answered by yogeshbhuyal7
1

Answer:

तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान। कहि रहीम पर काज हित, संपति संचहि सुजान।। 1॥ अर्थ: कविवर रहीम कहते हैं कि जिसत तर पेड़ कभी स्वयं अपने फल नहीं खाते और तालाब कभी अपना पानी नहीं पीते उसी तरह सज्जनलोग दूसरे के हित के लिये संपत्ति का संचय करते हैं।

Answered by chouhankajal460
1

Answer:

ok

Explanation:

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