Hindi, asked by yogitabundela, 1 year ago

taruvar phal nahi khaat hai sarvar piyahi na paan kahi rahim par kaaj hiit sampatti sanchi sujan (give me prasang of this Doha)

Answers

Answered by bhatiamona
15

तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान।

कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥

प्रसंग : यह दोहा रहीम जी द्वारा लिखा गया है |

अर्थ : दोहे में रहीम कहते हैंसमझाना चाहते है कि जिस तरह पेड़ कभी स्वयं अपने फल नहीं खाते और तालाब कभी अपना पानी नहीं पीता | उसी प्रकार सज्जन लोग हमेशा दूसरे के हित के लिये संपत्ति का संचय करते है| यह दूसरों के लिए हमेशा मदद करते है| समझदार और सज्जन लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है|

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यो रहीम सुख होत है, बढ़त देख निज गोत।

ज्यों बड़री अँखियाँ निरखि, आँखिन को सुख होत ॥ 13

Answered by nomansife3
1

Explanation:

galat h Kutte Pgl mental health issues

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