Hindi, asked by thakursheetal5007, 8 months ago

(तस्मिन्नेव नामे एकाऽपरा लुब्धा वृद्धा न्यवसत्। तस्या अपि एका पुत्री आसीत्। ईर्ष्याया
सा तस्य स्वर्णकाकस्य रहस्यमभिज्ञातवती। सूर्यातपे तण्डुलान्निक्षिप्य तयापि स्वसुता रक्षार्थ
नियुक्ता। तथैव स्वर्णपक्षः काकः तण्डुलान् भक्षयन् तामपि तत्रैवाकारयत्। hindi batao iski
sanskrit ​

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Answered by shardapandeyggn
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उसी गांव मे एक लालची बूढी औरत रहती थी। उसे सोने के कौए के बारे मे जानकर जलन हुई उसने भी अपनी बेटी‌को धूप मे चावलो की रक्षा के लिए कहा।तब कौए ने उसके चावलो को भी खाया ।तब उसने कहा‌‌़़़

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