English, asked by IItzCutePixelI, 6 months ago

तत्पुरुष समास क्या है इसके भेद उदाहरण​

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Answered by lodhiambika
1

Answer:

वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो। अर्थात् प्रथम पद गौण हो और उत्तरपद की प्रधानता हो। ... इस वाक्य में समस्तपद 'राजकुमार' जिसका विग्रह है–राजा का कुमार इस विग्रह पद में 'राजा' पहला पद और 'कुमार' (पुत्र) उत्तर पद है

तत्पुरुष समास के 7 भेद होते है।

1. करण तत्पुरुष (से/के द्वारा)

भुखमरा – भूख से मरा

2. अपादान तत्पुरुष (से – अलग होने)

बुद्धिहीन – बुद्धि से हीन

3. कर्म तत्पुरुष (विभक्ति – को)

परलोकगमन – परलोक को गमन

4. संबंध तत्पुरुष (का, की, के)

गंगाचल – गंगा का आँचल

5. अधिकरण तत्पुरुष (मे/पर दोनों)

गृहप्रवेश – गृह मे प्रवेश

6. संप्रदान तत्पुरुष (के लिए)

यज्ञशाला – यज्ञ के लिए शाला

7. नञ् तत्पुरुष समास – पहला पद नकारात्मक

असत्य,अधर्म

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Answered by Anonymous
182

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उत्तर

तत्पुरुष समास की परिभाषा

तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।

इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

तत्पुरुष समास के उदाहरण :-

  • मूर्ति को बनाने वाला — मूर्तिकार
  • काल को जीतने वाला — कालजयी
  • राजा को धोखा देने वाला — राजद्रोही
  • खुद को मारने वाला — आत्मघाती
  • मांस को खाने वाला — मांसाहारी
  • शाक को खाने वाला — शाकाहारी

तत्पुरुष समास के भेद:-

कारक चिन्हों के अनुसार इस समास के छः भेद हो जाते है।

  1. कर्म तत्पुरुष समास
  2. करण तत्पुरुष समास
  3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास
  4. अपादान तत्पुरुष समास
  5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास
  6. अधिकरण तत्पुरुष समास

1. कर्म तत्पुरुष समास :-

यह समास ‘को’ चिन्ह के लोप से बनता है। जैसे :

  • परलोकगमन : परलोक को गमन।
  • शरणागत : शरण को आया हुआ।
  • आशातीत : आशा को लाँघकर गया हुआ।
  • सिरतोड़ : सिर को तोड़ने वाला।
  • गगनचुम्बी : गगन को चूमने वाला।
  • रथचालक : रथ को चलाने वाला।
  • जेबकतरा : जेब को कतरने वाला।

2. करण तत्पुरुष समास :-

यह समास दो कारक चिन्हों ‘से’ और ‘के द्वारा’ के लोप से बनता है। जैसे:

  • करुणापूर्ण : करुणा से पूर्ण
  • शोकाकुल : शौक से आकुल
  • वाल्मीकिरचित : वाल्मीकि द्वारा रचित
  • शोकातुर : शोक से आतुर
  • कष्टसाध्य : कष्ट से साध्य
  • मनमाना : मन से माना हुआ
  • शराहत : शर से आहत

3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास :

इस समास में कारक चिन्ह ‘के लिए’ का लोप हो जाता है। जैसे:

  • प्रयोगशाला : प्रयोग के लिए शाला
  • डाकगाड़ी : डाक के लिए गाडी
  • रसोईघर : रसोई के लिए घर
  • यज्ञशाला : यज्ञ के लिए शाला
  • देशार्पण : देश के लिए अर्पण
  • गौशाला : गौओं के लिए शाला
  • सत्याग्रह : सत्य के लिए आग्रह

4. अपादान तत्पुरुष समास :-

इस समास में अपादान कारक के चिन्ह ‘से’ का लोप हो जाता है। जैसे:

  • ऋणमुक्त : ऋण से मुक्त
  • धनहीन : धन से हीन
  • गुणहीन : गुण से हीन
  • विद्यारहित : विद्या से रहित
  • पथभ्रष्ट : पथ से भ्रष्ट
  • जीवनमुक्त : जीवन से मुक्त
  • रोगमुक्त : रोग से मुक्त
  • बंधनमुक्त : बंधन से मुक्त

5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास:-

सम्बन्ध कारक के चिन्ह ‘का’, ‘के’ व ‘की’ का लोप होता है वहां सम्बन्ध तत्पुरुष समास होता है। जैसे:

  • भूदान : भू का दान
  • राष्ट्रगौरव : राष्ट्र का गौरव
  • राजसभा : राजा की सभा
  • जलधारा : जल की धारा
  • भारतरत्न : भारत का रत्न
  • पुष्पवर्षा : पुष्पों की वर्षा

6. अधिकरण तत्पुरुष समास :-

इस समास में कारक चिन्ह ‘में’ और ‘पर’ का लोप होता है। जैसे:

  • गृहप्रवेश : गृह में प्रवेश
  • पर्वतारोहण : पर्वत पर आरोहण
  • ग्रामवास : ग्राम में वास
  • आपबीती : आप पर बीती
  • जलसमाधि : जल में समाधि
  • जलज : जल में जन्मा

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BrainlyPopularman: उत्तम ♥️
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