तदभव शब्द किसे कहते हैं
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नमस्कार मित्र......!!
आप का उत्तर यहां है ⤵
_______________________________
✴" शब्द - विचार "✴
• शब्द :- एक या एक से अधिक वर्णों के सार्थक ध्वनि-समूह को शब्द कहते हैं;
जैसे - मदन, कमल, रतन, पुस्तक, लेख, पुष्प इत्यादि |
• शब्दों का वर्गीकरण - शब्दों का वर्गीकरण कई आधारों पर किया जाता है | जैसे --
अर्थ के आधार पर - अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं --
१. सार्थक शब्द
२. निरर्थक शब्द
» सार्थक शब्द :- जिन शब्दों का कोई अर्थ निकलता है उसे सार्थक शब्द कहते हैं; जैसे - राजा, घर, विद्यालय इत्यादि |
» निरर्थक शब्द :- जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं निकलता उसे निरर्थक शब्द कहते हैं; जैसे - हमल, लमक, इत्यादि |
• विकार के आधार पर - विकार के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं :-
१. विकारी शब्द
२. अविकारी शब्द
» विकारी शब्द :- जिन शब्दों का रूप, लिंग, वचन, कारक, काल के कारण बदल जाता है, उसे विकारी शब्द कहते हैं | विकारी शब्द के चार भेद होते हैं -- (क) संज्ञा (ख) सर्वनाम (ग) विशेषण (घ) क्रिया |
» अविकारी शब्द :- जिन शब्दों का रूप, लिंग, वचन, कारक, काल के कारण नहीं बदलता है, उसे अविकारी शब्द कहते हैं | अविकारी शब्दों को अव्यय शब्द भी कहते हैं | अविकारी शब्द भी चार प्रकार के होते हैं -- (क) क्रियाविशेषण (ख) संबंधबोधक (ग) समुच्चयबोधक (घ) विस्मयादिबोधक |
• उत्पत्ति के आधार पर - उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद होते हैं :-
१. तद्भव
२. तत्सम
३. देशज शब्द
४. विदेशी शब्द
( Your answer )➡» तद्भव शब्द :- संस्कृत भाषा के जिन शब्दों का रूप बदलकर हिंदी में प्रयोग किया जाता है उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं;
जैसे - बंदर ( वानर ), खेत ( क्षेत्र ), पूत ( पुत्र ),
हाथी ( हस्तिन् ) इत्यादि |
» तत्सम शब्द :- संस्कृत भाषा के जो शब्द हिंदी में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग किए जाते हैं उसे तत्सम शब्द कहते हैं; जैसे - छात्र, मनुष्य, पत्नी, नर, नेत्र इत्यादि |
» देशज शब्द :- जो शब्द स्थानीय बोलियों से हिंदी भाषा में प्रयोग किए जाते हैं उन्हें देशज शब्द कहते हैं;
जैसे -- लोटा, दाल, खिड़की, थैला, चिड़िया, किताब इत्यादि |
» विदेशज शब्द :- जो शब्द विदेशी भाषाओं से आकर हिंदी में मिल गए हैं उन्हें विदेशज या आगत शब्द भी कहते हैं; जैसे -- स्कूल, चाय, लीची, डॉक्टर, स्टेशन, अफसर इत्यादि |
• बनावट ( रचना ) के आधार पर - बनावट के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं :-
१. रूढ़ शब्द
२. यौगिक शब्द
३. योगरूढ़ शब्द
» रूढ़ शब्द :- जिन शब्दों का कोई सार्थक खंड ना हो उसे रूढ़ शब्द कहते हैं; जैसे - घोड़ा, रोटी, मोर, पुस्तक, मेज़, घर इत्यादि |
» यौगिक शब्द :- जिन शब्दों के दोनों खंड सार्थक हो उसे योगिक शब्द कहते हैं; जैसे - विद्यालय, पाठशाला, डाकघर इत्यादि |
» योगरूढ़ शब्द :- वह शब्द जो सामान्य अर्थ को प्रकट न करके किसी विशेष अर्थ के लिए प्रयुक्त हो उन्हें योगरूढ़ कहते हैं, जैसे -
पंकज -- पंक + ज = कमल
लंबोदर -- लंब + उदर = लंबोदर
नीलकंठ -- नील + कंठ = शिवाजी इत्यादि |
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आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा ☺
धन्यवाद.....!!!
आप का उत्तर यहां है ⤵
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✴" शब्द - विचार "✴
• शब्द :- एक या एक से अधिक वर्णों के सार्थक ध्वनि-समूह को शब्द कहते हैं;
जैसे - मदन, कमल, रतन, पुस्तक, लेख, पुष्प इत्यादि |
• शब्दों का वर्गीकरण - शब्दों का वर्गीकरण कई आधारों पर किया जाता है | जैसे --
अर्थ के आधार पर - अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं --
१. सार्थक शब्द
२. निरर्थक शब्द
» सार्थक शब्द :- जिन शब्दों का कोई अर्थ निकलता है उसे सार्थक शब्द कहते हैं; जैसे - राजा, घर, विद्यालय इत्यादि |
» निरर्थक शब्द :- जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं निकलता उसे निरर्थक शब्द कहते हैं; जैसे - हमल, लमक, इत्यादि |
• विकार के आधार पर - विकार के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं :-
१. विकारी शब्द
२. अविकारी शब्द
» विकारी शब्द :- जिन शब्दों का रूप, लिंग, वचन, कारक, काल के कारण बदल जाता है, उसे विकारी शब्द कहते हैं | विकारी शब्द के चार भेद होते हैं -- (क) संज्ञा (ख) सर्वनाम (ग) विशेषण (घ) क्रिया |
» अविकारी शब्द :- जिन शब्दों का रूप, लिंग, वचन, कारक, काल के कारण नहीं बदलता है, उसे अविकारी शब्द कहते हैं | अविकारी शब्दों को अव्यय शब्द भी कहते हैं | अविकारी शब्द भी चार प्रकार के होते हैं -- (क) क्रियाविशेषण (ख) संबंधबोधक (ग) समुच्चयबोधक (घ) विस्मयादिबोधक |
• उत्पत्ति के आधार पर - उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार भेद होते हैं :-
१. तद्भव
२. तत्सम
३. देशज शब्द
४. विदेशी शब्द
( Your answer )➡» तद्भव शब्द :- संस्कृत भाषा के जिन शब्दों का रूप बदलकर हिंदी में प्रयोग किया जाता है उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं;
जैसे - बंदर ( वानर ), खेत ( क्षेत्र ), पूत ( पुत्र ),
हाथी ( हस्तिन् ) इत्यादि |
» तत्सम शब्द :- संस्कृत भाषा के जो शब्द हिंदी में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग किए जाते हैं उसे तत्सम शब्द कहते हैं; जैसे - छात्र, मनुष्य, पत्नी, नर, नेत्र इत्यादि |
» देशज शब्द :- जो शब्द स्थानीय बोलियों से हिंदी भाषा में प्रयोग किए जाते हैं उन्हें देशज शब्द कहते हैं;
जैसे -- लोटा, दाल, खिड़की, थैला, चिड़िया, किताब इत्यादि |
» विदेशज शब्द :- जो शब्द विदेशी भाषाओं से आकर हिंदी में मिल गए हैं उन्हें विदेशज या आगत शब्द भी कहते हैं; जैसे -- स्कूल, चाय, लीची, डॉक्टर, स्टेशन, अफसर इत्यादि |
• बनावट ( रचना ) के आधार पर - बनावट के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं :-
१. रूढ़ शब्द
२. यौगिक शब्द
३. योगरूढ़ शब्द
» रूढ़ शब्द :- जिन शब्दों का कोई सार्थक खंड ना हो उसे रूढ़ शब्द कहते हैं; जैसे - घोड़ा, रोटी, मोर, पुस्तक, मेज़, घर इत्यादि |
» यौगिक शब्द :- जिन शब्दों के दोनों खंड सार्थक हो उसे योगिक शब्द कहते हैं; जैसे - विद्यालय, पाठशाला, डाकघर इत्यादि |
» योगरूढ़ शब्द :- वह शब्द जो सामान्य अर्थ को प्रकट न करके किसी विशेष अर्थ के लिए प्रयुक्त हो उन्हें योगरूढ़ कहते हैं, जैसे -
पंकज -- पंक + ज = कमल
लंबोदर -- लंब + उदर = लंबोदर
नीलकंठ -- नील + कंठ = शिवाजी इत्यादि |
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आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा ☺
धन्यवाद.....!!!
Anonymous:
Sorry, for loooong answering but i love to long answering so,,,,but this will helps you a lottt as I think....!!!
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तद्भव शब्द किसे कहते हैं?
तद्भव शब्द-> जो शब्द संस्कृत से आए हैं, परंतु कुछ रूप परिवर्तन के बाद हिन्दी भाषा में स्वीकार हुए हैं, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।
जैसे-> काम [कर्म], मां [माता], हाथ [हस्त], सांप [सर्प]. तुम [त्वम्], सात [सप्त], दूध [दुग्ध], रतन [रत्न], बरस [वर्ष] भगत [भक्त], थन [स्तन], घर [गृह] इत्यादि।
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