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Hiee
किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है। वृत्त एक साधारण बंद वक्र होता है जो समतल को दो क्षेत्रों में विभाजित करता है: एक आंतरिक और एक बाहरी।
किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है। वृत्त एक साधारण बंद वक्र होता है जो समतल को दो क्षेत्रों में विभाजित करता है: एक आंतरिक और एक बाहरी।वृत्त एक प्रकार का शांकव (शंकु परिच्छेद) होता है जिसकी उत्केंद्रता (Eccentricity) शून्य होती है अर्थात नियता (Directrix) समतल में अनंत पर स्थित होती है। एक वृत्त को एक विशेष प्रकार के दीर्घवृत्त के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है जिसमें दोनों नाभियाँ (Focii) संपाती होती हैं और उत्केन्द्रता 0 होती है। यूक्लिड के अनुसार, 'वृत्त एक रेखा से घिरा हुआ एकविमीय समतल होता है और किसी निश्चित बिंदु से लेकर उस बंधरेखा तक खींची गई सभी रेखाएं बराबर होती हैं। इस बंधरेखा को परिधि और इस निश्चित बिंदु को वृत्त का केंद्र कहते हैं।'