Telangana Ki history in hindi
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तेलंगाना देश का 29वां राज्य बन गया है. तेलंगाना राज्य के गठन के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव इस नवीन राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने. उन्होंने हैदराबाद में पद और गोपनीयता की शपथ ली. उनके साथ 11 कैबिनेट मंत्रियों ने भी राजभवन में पद की शपथ ली. इसके साथ ही आंध्रप्रदेश से अलग एक राज्य बनाने के लिए क्षेत्र में चल रहा दशकों पुराना संघर्ष समाप्त हो गया. आइए यहां जानते हैं तेलंगाना का पूरा इतिहास-
1. तेलंगाना नाम तेलुगू अंगाना शब्द से लिया गया है जिसका मतलब होता है वो जगह जहां तेलुगू बोली जाती है. निजाम (1724-1948) ने तेलंगाना शब्द का इस्तेमाल अपने राज्य में मराठी भाषी क्षेत्रों से अलग करने के लिए किया था.
2. 230 ई. पू. से 220 ई. पू. तक इस इलाके में कृष्णा और गोदावरी नदियों के बीच सातवाहन वंश ने शासन किया.
3. 1083 से 1203 ई. तक यहां काकतीय वंश के राजाओं ने शासन किया. उनके काल को यहां का स्वर्ण युग कहा जाता है. इस राजवंश ने वारंगल को अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया.
4. 1309 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के जनरल मलिक काफूर ने वारंगल पर हमला बोल दिया जो काकतीय वंश के पतन का कारण बना. 1687 तक इस जगह पर दिल्ली सल्तनत की हुकूमत रही. 1687 में हैदराबाद के करीब स्थित गोलकुंडा पर मुगल सम्राट औरंगजेब का कब्जा हो गया था.
5. 1769 में निजाम उल मुल्क आसिफ जाह (आसिफ जाह निजाम वंश) ने हैरदाबाद को अपने साम्राज्य की राजधानी बनाया.
6. 1799 में अंग्रजों ने निजाम आसिफ जाह के साथ एक समझौता किया. तटीय आंध्र निजाम के पास रहा और रायलसीमा क्षेत्र ब्रिटिशों के अधीन आ गया.
7. 1946 तक ये क्षेत्र ब्रिटिश और निजाम के अधीन ही रहा. ये तेलंगाना विद्रोह का साल था. इसी वर्ष इस मांग की नींव पड़ गई थी. उस समय यह आंदोलन ज्यादा दिन तक नहीं चला.
8. 1947 में भारत के आजाद होने के बाद हैदराबाद के निजाम ने भारतीय संघ में मिलने से इनकार कर दिया. निजाम ने नेहरू और सरदार पटेल के आग्रह को भी ठुकरा दिया. ऐसी स्थिति में भारत सरकार ने सेना भेजकर हैदराबाद रियासत को 17 सिंतबर 1948 को भारतीय संघ में मिला लिया.
9. 1953 में राज्यों की सीमाओं के निर्धारण के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया गया. आयोग का पैनल नहीं चाहता था एक भाषा होने के बावजूद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को मिलाकर एक कर दिया जाए. नेहरू के दखल के बाद राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को 1 नंवबर, 1956 को एक कर दिया गया. 1 नवंबर 1956 को आंध्र प्रदेश राज्य बनाया गया जिसकी राजधानी हैदराबाद प्रांत की तत्कालीन राजधानी हैदराबाद शहर को बनाया गया. तब नेहरू ने कहा था 'इस शादी में तलाक की संभावनाएं बनी रहने दी जाएं.'
10. 29 नवंबर 2009 को चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में टीआरएस ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करते हुए तेलंगाना के गठन की मांग की. केंद्र सरकार पर बढ़ते दबाव के चलते 3 फरवरी 2010 को पूर्व न्यायाधीश श्रीकृष्ण के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एक समिति का गठन किया. समिति ने 30 दिसंबर 2010 को अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी. आखिरकार तेलंगाना में भारी विरोध और चुनावी दबाव के चलते 3 अक्टूबर 2013 को यूपीए सरकार ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी दे दी. 2 जून, 2014 को तेलंगाना देश का 29वां राज्य बना और चंद्रशेखर राव ने इसके पहले सीएम के तौर पर शपथ ली
Answer:
राजभाषा तेलुगू, उर्दू[1]
गठन 02 जून 2014
सरकार तेलंगाना सरकार
- राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन- 2019
- मुख्यमंत्री के॰ चंद्रशेखर राव
- विधानमण्डल द्विसदनीय
विधान परिषद (46 सीटें)
विधान सभा (119 सीटें)
- भारतीय संसद राज्य सभा (7 सीटें)
लोक सभा (17 सीटें)
- उच्च न्यायालय हैदराबाद उच्च न्यायालय
डाक सूचक संख्या 50
वाहन अक्षर TS
आइएसओ 3166-2 IN-TG
तेलंगाना(तेलङ्गाना) (तेलुगु: తెలంగాణ, तेलंगाणा), भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बना भारत का 29वाँ राज्य है। हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया जाएगा[2]। यह परतन्त्र भारत के हैदराबाद नामक रजवाडे के तेलुगूभाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है। 'तेलंगाना' शब्द का अर्थ है - 'तेलुगूभाषियों की भूमि'।
5 दिसम्बर 2013 को मन्त्रिसमूह(मंत्रिसमूह) द्वारा बनाये गए प्रारूप विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। 18 फ़रवरी 2014 को तेलंगाना विधेयक लोक सभा से पारित हो गया तथा दो दिन पश्चात इसे राज्य सभा से भी मंजूरी मिल गयी। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ तेलंगाना औपचारिक तौर पर भारत का 29वाँ राज्य बन गया है। हालाँकि लोक सभा से इस विधेयक को पारित कराते समय आशंकित हंगामे के चलते लोकसभा-टेलिविज़न का प्रसारण रोकना पड़ा था।
मुख्य लेख: तेलंगाना का इतिहास तेलंगाना सातवाहन सहित कई शासकों द्वारा शासित था (220 से 230 BCE CE), काकतीय वंश (1083-1323), Musunuri nayaks से (1326-१३५६) दिल्ली सल्तनत, बहमनी सल्तनत (1347-1512), क़ुतुब शाही राजवंश (1512-१६८७), मुगल साम्राज्य (१६८७-1724) और आसफ़ जाही राजवंश (1724-1948)।
१९४६, जो 1951 तक चली में तेलंगाना में कम्युनिस्ट नेतृत्व किसान विद्रोह शुरू कर दिया। हैदराबाद राज्य तेलंगाना, गुलबर्गा प्रभाग में कन्नड़ जिलों में 4 & 4 मराठी भाषी जिलों के 9 तेलुगू भाषी जिलों औरंगाबाद डिवीजन में शामिल। रंगारेड्डी जिला 1978 में तेलंगाना के हैदराबाद जिले से बाहर नक़्क़ाशीदार था। अब तेलंगाना 10 जिले हैं। केंद्र सरकार एक सिविल सेवक, एम. के Vellodi, पहले मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी 1950 को हैदराबाद राज्य के रूप में नियुक्त किया। उन्होंने नौकरशाहों की मदद से मद्रास राज्य से राज्य और बॉम्बे राज्य प्रशासित। 1952 में, dr. डा. पहले लोकतांत्रिक चुनाव में हैदराबाद राज्य के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए। इस समय के दौरान वहाँ थे वापस नौकरशाहों मद्रास राज्य से भेजने के लिए, और कड़ाई से लागू करने के लिए कुछ Telanganites द्वारा हिंसक चळवळीत ' Mulki-1919 के बाद से हैदराबाद राज्य के कानून का हिस्सा था जो नियम (स्थानीय नौकरियों केवल स्थानीय लोगों के लिए),।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
1952 में, तेलुगु बोलने वाले लोगों के बारे में 22 जिलों, हैदराबाद, मद्रास प्रेसीडेंसी (आंध्र क्षेत्र) में 12, और फ्रेंच-नियंत्रित दूर में एक राजसी राज्य के पूर्व निजाम dominions में उनमें से 9 में वितरित किए गए। इस बीच, तेलुगू-भाषी क्षेत्र आंध्र क्षेत्र में Potti श्री रामुलु एवम उसकी राजधानी कुरनूल के साथ 1953 में आंध्र राज्य बनाने के लिए जैसे नेताओं द्वारा तत्कालीन मद्रास राज्य से बाहर खुदी हुई थे।[