Telangana Pramukh tyauhaar paragraph of 4 page in (hindi)
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भारत के सभी राज्य में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है. हर त्यौहार की अपनी एक मान्यता व उत्साह होता है. आज के आर्टिकल में आपको तेलंगाना के त्यौहार के बारे में बताएँगे. आंध्रप्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में बठुकम्मा और बोनालु त्यौहार मनाये जाते है. दोनों त्यौहार की अपनी-अपनी मान्यता है.
तेलंगाना के त्यौहार में सबसे पहले आता है बोनालु का त्यौहार. यह त्यौहार आषाढ़ यानि जुलाई या अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है. बोनालु तेलंगाना के सिवा हैदराबाद, सिकंदराबाद के साथ-साथ भारत के अन्य राज्यों में भी मनाया जाता है. इस त्यौहार को मानाने के पीछे यह बात कही जाती है कि सभी लोग मिलकर काली माता का धन्यवाद करते है जो पुरे वर्ष इनकी रक्षा करती है. इस त्यौहार के ज़रिए सभी लोग अपने प्रेम स्वरूप माता की पूजा-अर्चना कर उनको धन्यवाद करते है.
बोनालु के त्यौहार में सभी महिलाएं माता काली को अर्पण करने के लिए एक विशेष तरह का भोजन बनाती है. जिसमें वह चावल और चीनी का इस्तेमाल करती है और कोई-कोई व्यक्ति प्याज का भी प्रयोग करते है. इसे बनाकर किसी पीतल या छोटे मिट्टी के बर्तन में रखकर ढक देती है, फिर तेल या घी से दीप उज्ज्वल करती हैं. जिस बर्तन में यह व्यंजन को रखा जाता है उसे हल्दी, कुमकुम और खड़ी से सजाया जाता है. इस मटके को बोनाम कहा जाता है. इस बोनाम को लेकर सभी महिलाएं अपनी स्लिक की सबसे भारी सारी पहनकर नाचते-गाते काली माता के मंदिर पहुँच माता को बोनाम चढ़ाती है.
बोनालु
अब बात करते है तेलंगाना के त्यौहार बठुकम्मा जो यहाँ का दूसरा त्यौहार है. यह त्यौहार पिछड़ी जातियों वाली महिलाओं द्वारा सितम्बर व् अक्टूबर में मनाया जाता है. दशहरा से एक दिन पहले या दुर्गाष्टमी के दिन समाप्त होता है. इस त्यौहार को मानाने का उदेश माता गौरी की आराधन का होता है. इस त्यौहार को फूलों का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि इस त्यौहार में 7 लेयर गोपुरम की मंदिर की मूर्तिया बनाई जाती है, जिससे बठुकम्मा या थम्बलम कहा जाता है और इससे माता गौरी के रूप में पूजा जाता है.
बठुकम्मा
नौ दिन लगातार रोज़ शाम को सभी महिलाएं और लड़कियां बठुकम्मा को बीच में रख उसके आस-पास नाचती-गाती है. आखिरी दिन सभी बठुकम्मा के निकट डांस करते हुए इसे पास की किसी झील, तालाब के निकारे नाच-गाना करते हुए महिलाएं पानी में इसे विसर्जित कर देती है.