Hindi, asked by rjha0814, 10 months ago

telephone Ki Atmakatha​

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Answered by vv812492
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Answer:

टेलीफ़ोन एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा दूर स्थित वयक्तियों से संवाद किया जा सकता है । पहले लोगों से वार्ता के लिए उनके निकट जाना पड़ता था । आमने-सामने ही बातचीत संभव हो पाती थी । किसी को जरूरी संदेश भेजना हो तो हरकारों तथा घुड़सवारों को रवाना करना पड़ता था । इस प्रक्रिया में दूरी के हिसाब से घंटों, दिनों या सप्ताहों का समय लग जाता था । आधुनिक डाक प्रणाली स्थापित होने पर संदेश भेजने में लगने वाला समय कुछ घटा परंतु पूरी सहूलियत नहीं हो पाई । टेलीफोन के आविष्कार के बाद यह प्रक्रिया बहुत सरल हो गई ।

टेलीफोन का आविष्कार अलेक्ज़ेंडर ग्राहम बेल ने किया था । इसे हिन्दी में दूरभाष के नाम से भी जाना जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ है-दूर से होनेवाली बातचीत । इस पर किसी से बातचीत करने के लिए खास नंबर डायल करना पड़ता है जिससे दूसरी तरफ घंटी सुनाई देती है । घंटी से पता चलता है कोई बातचीत करना चाह रहा है । दूसरा व्यक्ति तब रिसीवर उठाकर वार्ता करने लगता है । वार्ता संक्षिप्त या लंबी की जा सकती है । जो व्यक्ति बातचीत करना चाहता है उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ती है । सुनने वाले का कुछ भी खर्च नहीं होता है ।

Answered by franktheruler
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टेलीफोन की आत्मकथा :

अरे भाई सुनो, यहां देखो । मै हूं टेलीफोन । क्यों तुम लोगो ने मुझे यहां छोड़ दिया है? मुझे तोड़कर फेंक क्यों नहीं देते ?

आप कहोगे मै किसके साथ बात कर राह हूं। मै अपने मालिक के स्टोर रूम में पड़ा हूं।

आइए आपको मै अपनी कहानी सुनाता हूं। मुझे मेरे मालिक बहुत उत्साहित होकर ले आए थे। मै लाल रंग का सुंदर टेलीफोन था। अब मेरा रंग फीका पड़ चुका है और मै बूढ़ा हो चला हूं।

जब मेरे मालिक मुझे लाए थे उस वक्त सभी के पास टेलीफोन नहीं हुआ करता था। मालिक के आस पड़ोस के लोगो को किसी से बात करनी होती मतलब किसी रिश्तेदार को फोन करनी होती तो मेरा उपयोग करने मेरे मलिक के घर आते थे। सारे घर में मेरी वजह से रौनक हुआ करती थी। ट्रिन ट्रिन करके मै बजता रहता था ।

मेरे सुखी दिन थे वे। मै दुखी तब हुआ जब मेरा दुश्मन मोबाइल अा गया। जब से मोबाइल आया है , लोगो ने मेरा उपयोग करना बंद कर दिया है। मेरे मालिक के घर भी सभी ने अपना अपना मोबाइल ले लिया , मेरा उपयोग केवल उनकी माताजी करती थी क्योंकि उन्हें मोबाइल का प्रयोग नहीं करने आता था।

जब वे परलोक सिधार गई। तो मेरी तार निकाल कर मुझे यहां स्टोर में फेंक दिया गया। मुझे कोई देखता नहीं। कभी मेरा प्रयोग करके ये लोग दो दो घंटे अपने रिश्तेदारों से बात करते थे , आज मुझसे बात करने के लिए कोई तैयार नहीं।

चलो ठीक है अब ये लोग भी क्या करेंगे। वक़्त जो बदल गया है।

#SPJ6

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