tell brief answer of vinamrata sare sadguno ki niv he in hindi
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विनम्रता—एक ऐसा गुण जिससे शान्ति फैलती है
दुनिया में हर इंसान अगर विनम्र हो, तो यह दुनिया कितनी खूबसूरत होगी। लोग एक-दूसरे से ज़्यादा की माँग नहीं करेंगे, परिवार में झगड़े-रगड़े कम होंगे, कंपनियों में आपस में ज़्यादा मुकाबले नहीं होंगे और देशों के बीच युद्ध कम होंगे। क्या आप चाहते हैं कि दुनिया का माहौल ऐसा हो जाए?
यहोवा परमेश्वर ने वादा किया है कि वह इस दुनिया को बिलकुल नया बना देगा। उस वक्त दुनिया में सिर्फ विनम्र लोग होंगे और तब विनम्रता को एक कमज़ोरी नहीं बल्कि एक खूबी और एक अच्छा गुण माना जाएगा। परमेश्वर के सेवक अभी से उस दुनिया में जीने की तैयारी कर रहे हैं। (2 पतरस 3:13) वे अभी से अपने अंदर विनम्रता का गुण बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अभी से क्यों? खासकर इसलिए क्योंकि यहोवा उनसे चाहता है कि वे विनम्र हों। परमेश्वर की ओर से भविष्यवक्ता मीका ने लिखा: “हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?”—मीका 6:8.
शब्द विनम्रता के कई मतलब हैं। जैसे अहंकार या घमंड न करना और अपनी कामयाबी, काबिलीयत और धन-दौलत के बारे में शेखी न मारना, वगैरह वगैरह। एक किताब के मुताबिक, विनम्रता का मतलब “अपनी सीमाओं के अंदर रहना” भी है। विनम्र व्यक्ति चालचलन के मामले में अपनी सीमाओं के अंदर ही रहता है। वह अपनी सीमाओं को जानते हुए वही काम करता है जो उसे करना चाहिए और जो उसके बस में है। वह यह भी जानता है कि कुछेक बातों में दखल देना उसके लिए गलत होगा। इसमें कोई शक नहीं कि विनम्र व्यक्ति को हर कोई पसंद करता है। एक अँग्रेज़ कवि, जोसफ ऐडिसन ने लिखा, “विनम्र होना सबसे बड़ी खूबसूरती है।”
हम असिद्ध इंसानों में विनम्रता का गुण पैदाइशी नहीं होता। इसलिए हमें अपने अंदर इसे बढ़ाने के लिए कोशिश करने की ज़रूरत है। परमेश्वर के वचन में ऐसी कई घटनाओं का ब्यौरा दिया गया है, जिनसे हम विनम्रता दिखाने के अलग-अलग तरीके जान सकते हैं और अपने अंदर यह गुण बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं।
plz mark My ANS AS BRAINLIEST.....
plz
Jeevan main hum unlogon se
hamesha yaar karte hain aur unse milna bhi chahte hain jo humse vinamrata se baat karte hain kyunki her koi chahta hai ki koi humein samman de aur ache se baat kare.
Magar kuch log hamesha doosron ka mazak udaate hain aur bilkul bhi samman nhi dete.
Aise logon se koi milna pasand nhi karta jo behes karte rehte hain aur chilla per bolte hain.
Baat karte samay hamesha is baat is dhyaan rakhein ki koi hamare shabdon we aahat na ho.Hamare chutkule kisi ko bure nalagein.
Hum apni boli se hi kisi ke Mann main apni achi ya buri yaadein dete hain.Humein sada yahi koshish karni chahiye ki humari yaadein hamesha humari achi baaton aur vinamra baaton se achi bani rahein aur Sab log humein ek sabhya aur shikshit vyakti ki tarah hi yaad karein.
I hope it will be helpful for you ✌️✌️
Mark it as brainliest and
follow me ☺️☺️