Hindi, asked by greenlata91, 7 months ago

tell me any two shlok from sanskrit​

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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।

अर्थ — व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है।

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:।।

अर्थ — व्यक्ति के मेहनत करने से ही उसके काम पूरे होते हैं। सिर्फ इच्छा करने से उसके काम पूरे नहीं होते। जैसे सोये हुए शेर के मुंह में हिरण स्वयं नहीं आता, उसके लिए शेर को परिश्रम करना पड़ता है।

Answered by Anonymous
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१) विद्या विवादाय घनं मदाय शक्ति: परेषां‌ ‍परिपीडनाय ।

खलस्य साघोर्पिपरीतमेतत् ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय ।।

अर्थ - दुष्ट लोगों के लिए विधा विवाद करने के लिए धन अहंकार करने के लिए तथा शक्ति दूसरों को कष्ट देने के लिए होता है । लेकिन सज्जन के लिए विद्या ज्ञान के लिए धन दान के लिए और शक्ति दूसरों की रक्षा के लिए होता है

२) अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।

उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम् ।।

अर्थ - यह अपना है और वह पराया है ऐसा निम्न प्रकृति के लोग सोचते है । उदार लोगों के लिए तो पूरी पृथ्वी ही परिवार है ।

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