Hindi, asked by snehakvbrss6295, 2 days ago

ten lines on ram jii in sanskrit language

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Answered by Varshithamunnangi
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न जायते म्रियते वा कदाचिन्

नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।

अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो

न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥ २-२०

na jāyate mriyate vā kadācin

nāyaṃ bhūtvā bhavitā vā na bhūyaḥ।

ajo nityaḥ śāśvato’yaṃ purāṇo

na hanyate hanyamāne śarīre॥ 2-20

आत्मा किसी काल में भी न जन्मता है और न मरता है और न यह एक बार होकर फिर अभावरूप होने वाला है।

आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है, शरीर के नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता।

The soul is never born, it never dies having come into being once, it never ceases to be.

Unborn, eternal, abiding and primeval, it is not slain when the body is slain.

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