Hindi, asked by SPIDEY5289, 9 months ago

tenali rama krishna stories in hindi easy and simple

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Answered by LaghudeepSingh
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Answer:

कर्ज का बोझ |

एक बार तेनालीराम की पत्नी बीमार पड गई तो तेनालीराम को उसके इलाज के लिए महाराज से हजार स्वर्ण मुद्राएं उधार लेनी पड़ी । खैर, उचित देखभाल और इलाज से उसकी पत्नी ठीक हो गई ।

एक दिन महाराज ने तेनालीराम से कहा- ”तेनालीराम! अब हमारा कर्जा चुकाओ ।” तेनालीराम कर्ज की वह रकम देना नहीं चाहते थे । अत: हां-हूं और आज-कल करके बात को टाल रहे थे । एक बार महाराज ने उससे बड़ा ही सख्त तगादा कर दिया ।

महाराज जितना सख्त तगादा करते, तेनालीराम की कर्ज न देने की इच्छा दृढ़ होती जाती । एक दिन तेनालीराम ने सोचा कि राजा का कर्ज राजा के मुंह से ही माफ करवाऊंगा । दूसरे दिन ही महाराज के पास खबर आई की तेनालीराम बहुत सख्त बीमार हैं और अगर अंतिम समय में महाराज उसका चेहरा देखना चाहते हैं तो देख लें ।

महाराज फौरन उसके घर पहुंचे, देखा कि तेनालीराम बिस्तर पर पडे हैं और उनकी पत्नी और मां रो रही हैं । महाराज को देखते ही तेनाली की पत्नी बोली: ”महाराज यह बड़े कष्ट में हैं । इनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है । मगर कहते हैं कि जब तक मुझ पर राजा का उधार है, तब तक मेरे प्राण आसानी से नहीं निकलेंगे ।”

महाराज की आखें भर आईं । वे बोले: ”तेनालीराम! मुझे तुम्हारी मृत्यु का दुःख तो बहुत होगा । तुम्हारी कमी मेरे जीवन में कोई पूरी नहीं कर सकता, मगर मैं तुम्हें इस प्रकार कष्ट भोगते भी नहीं देख सकता-मैंने तुम्हारा कर्ज माफ किया तेनालीराम-सच तो यह है कि ये मुद्राएं मैं वापस लेना ही नहीं चाहता था, मैं तो कर्ज का तगादा कर-करके यह देखना चाहता था कि देखें इस कर्ज से तुम किस प्रकार मुक्ति पाते हो ।”

”फिर ठीक है महाराज!” तेनालीराम बिस्तर से उठ खड़े हुए । ”अरे…अरे तेनालीराम-तुम्हारी तबीयत…।” ”अब बिस्कूल ठीक है महाराज- दरअसल मैं तो आपके कर्ज के बोझ से मर रहा था, किन्तु अब जब आपने कर्ज माफ ही कर दिया है तो कैसा मरना-आप धन्य हैं महाराज, जो आपने मुझे असमय ही मरने से बचा लिया-मैं तो चाहता हूं कि मैं जन्म-जन्म आप जैसे कृपालु राजा की सेवा करता रहूं ।” ठगे हुए से महाराज उसका चेहरा देखते रह गए ।

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