तथा यौगिकों का उदाहरण देते हुए जल के प्रति इनके व्यवहार के औचित्य को समझाइए।
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BCl3 तथा CCl4 यौगिकों का उदाहरण देते हुए जल के प्रति इनके व्यवहार के औचित्य को समझाया गया है –
• बोरोन ट्राइफ्लुओराइड में F परमाणु से साझा करके केंद्रीय बोरोन परमाणु के चारो और इलेक्ट्रोन की संख्या 6 होती है।
• मतलब ये एक इलेक्ट्रोनन्यून अनु है।
• इसीलिए जब BCl3 को पानी में मिलाया जाता है ये लूइस अम्ल की तरह आचरण प्रदर्शित करता है और H2O द्वारा दिए गए इलेक्ट्रोन युग्म को ग्रहण करता है और जल-अपघटित हो जाता है।
BCl3 + 3H2O ---------> H3BO3 + 3HCl
• लेकिन CCl4 परमाणु के अष्टक पूर्ण होता है इसीलिए जल से अभिक्रिया नही करता है।
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