Hindi, asked by riku65, 3 months ago


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Answered by nishanikumari23
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Explanation:

1. ➲ चारों वर्णों में ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख्य स्थान इसलिए बताया गया है, क्योंकि शरीर की पांचों ज्ञानेंद्रियों मुख में ही स्थित होती हैं और ब्राह्मण ज्ञान प्रदाता होते हैं, जो समाज को ज्ञान प्रदान करते हैं। इस कारण ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख बताया गया है।

4.➲ क्षत्रियों की भूमिका समाज में रक्षा कार्य करने की है। ... वह अपने शक्ति एवं बल का उपयोग समाज की रक्षा के लिए करते हैं। समाज में किसी भी तरह का संकट आने पर उस संकट से रक्षा करना क्षत्रियों का दायित्व है

5.Answer: Explanation: वर्ण-व्‍यवस्‍था हिन्दू धर्म में सामाजिक कार्योन्नति (ऊन्नति) का एक आधार है। हिंदू धर्म-ग्रंथों के अनुसार समाज को चार वर्णों के कार्यो से समाज का स्थायित्व दिया गया हैै - ब्राह्मण (शिक्षा सम्बन्धी कार्य), क्षत्रिय (शत्रु से रक्षा), वैश्य (वाणिज्य) और शूद्र (उद्योग व कला) ।

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Answered by pamintuanlanz
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Answer:

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