English, asked by Anonymous, 3 months ago


\fbox{ ✈︎प्रश्न }
तुलसी दिवस के बारे में विस्तार से लिखिए:-

कृपया करके निरर्थक उत्तर न दे।
धन्यवद!!

Answers

Answered by Anonymous
18

Answer:

\fbox{उत्तर }

☛ तुलसी दिवस के बारे में विस्तार से लिखिए:-

प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। ... तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं बल्कि धरा के लिए वरदान है और इसी वजह से हिंदू धर्म में इसे पूज्यनीय माना गया है। धनुर्मास में सभी सकाम कर्म वर्जित होते हैं परंतु भगवत्प्रीतिर्थ कर्म विशेष फलदायी व प्रसन्नता देने वाले होते हैं। 25 दिसम्बर धनुर्मास के बीच का समय होता है।

➽ तुलसीदास जी का जन्म शुक्ल पक्ष के सातवें दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार माह श्रावण के उज्जवल आधे दिन सप्तमी के दिन हुआ था। ऐसा माना जाता है कि तुलसीदास ने अपनी माता के गर्भ में 12 महीने बिताए और उनके जन्म पर उनके मुख में 32 दांत थे। तुलसीदास जी अपने जन्म के समय बाकी साधारण बच्चों की तरह रोए नहीं अपितु उनके मुख से निकला राम और इसी वजह से उनका नाम रामबोला भी रखा गया।

तुलसीदास जिन्हें गोस्वामी तुलसीदास के नाम से भी जाना जाता है एक हिंदू वैष्णव संत और कवित है। यह भगवान राम की भक्ति के लिए प्रसिद्ध थे। अपने जीवन काल में तुलसीदास ने कई लोकप्रिय रचनाएं और महाकाव्य संस्कृत और अवधी भाषा में लिखें। इनके द्वारा लिखे गए महाकाव्य में रामचरित्रमानस का सर्वोत्तम महत्व है। तुलसीदास जी को हिंदी भारतीय और विश्व साहित्य के महानतम कवियों में से एक माना जाता है।

☺️☺️

Answered by priya150377
1

Answer:

☛ तुलसी दिवस के बारे में विस्तार से लिखिए:-

प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। ... तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं बल्कि धरा के लिए वरदान है और इसी वजह से हिंदू धर्म में इसे पूज्यनीय माना गया है। धनुर्मास में सभी सकाम कर्म वर्जित होते हैं परंतु भगवत्प्रीतिर्थ कर्म विशेष फलदायी व प्रसन्नता देने वाले होते हैं। 25 दिसम्बर धनुर्मास के बीच का समय होता है।

➽ तुलसीदास जी का जन्म शुक्ल पक्ष के सातवें दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार माह श्रावण के उज्जवल आधे दिन सप्तमी के दिन हुआ था। ऐसा माना जाता है कि तुलसीदास ने अपनी माता के गर्भ में 12 महीने बिताए और उनके जन्म पर उनके मुख में 32 दांत थे। तुलसीदास जी अपने जन्म के समय बाकी साधारण बच्चों की तरह रोए नहीं अपितु उनके मुख से निकला राम और इसी वजह से उनका नाम रामबोला भी रखा गया।

तुलसीदास जिन्हें गोस्वामी तुलसीदास के नाम से भी जाना जाता है एक हिंदू वैष्णव संत और कवित है। यह भगवान राम की भक्ति के लिए प्रसिद्ध थे। अपने जीवन काल में तुलसीदास ने कई लोकप्रिय रचनाएं और महाकाव्य संस्कृत और अवधी भाषा में लिखें। इनके द्वारा लिखे गए महाकाव्य में रामचरित्रमानस का सर्वोत्तम महत्व है। तुलसीदास जी को हिंदी भारतीय और विश्व साहित्य के महानतम कवियों में से एक माना जाता है।

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