▪️विषय - Hindi
Apne Vichaar prastut kare!
________
• भूतकाल से सीखें , वर्तमान में जिएं और भविष्य की आशा करें ।
________
Note : Copied answers will not be accepted! Write in your own words.
All the best!
Answers
विचार प्रस्तुत करना!
• भूतकाल से सीखें , वर्तमान में जिएं और भविष्य की आशा करें ।
एक दिन में कुल 24 घंटे होते है और इन 24 घंटों में न जाने कितने ही विचार हमारे मन को घेरे रहते हैं, इसमे कुछ नकारात्मक भी हो सकते हैं और कुछ सकारात्मक भी। इन सारे विचारों में ज़्यादातर हम भूतकाल के बारे में सोचते हैं या फिर भविष्य की चिंता करते हैं। हम वर्तमान का आनंद लेने के बजाय भूत व भविष्य की फ़िक्र से मन को चिंतित रखते हैं। यह कतई उचित नहीं है। जिस समय जिस पल को आनंद के साथ व्यतीत करना चाहिए उसे हम अपने बेचैन भाव से खराब कर लेते हैं। होना तो कुछ है नहीं इससे, ना तो हमें वर्तमान का आनंद मिला और ना ही भूत या भविष्य में कुछ सुधरा। वो कहते हैं ना "ना घर के रहे ना घाट के"
ऊपर वाले गद्यांश से हमें पता चलता है कि हमें हमेशा वर्तमान में जीना चाहिए पर क्या इसका मतलब हम अपने भविष्य और भूत को भूल जाएं? जी नहीं! भविष्य काल के विचार और भूतकाल की यादें जो आती रहती हैं उससे निपटना सीखें। अगर हमने भूत में कुछ ऐसा किया है जिसकी चिंता हमें वर्तमान में दुखी व बेचैन करती है तो उससे सीख कर हमें वर्तमान में जी कर व उसे सुधार कर भविष्य सफल होने की आशा रखना चाहिए।
अतः ये तीनों काल हमारे जीवन को सही दिशा दिखाने व उसे सीधे पथ पर चलाने में बहुत लाभदायक है। इसका प्रयोग सही समय पर सही ढंग से करना चाहिए। हम भविष्य या भूत बदल तो नहीं सकते पर उसे सुधार ज़रूर सकते हैं।
जैसा कि अंग्रेजी में कहावत है :
"अतीत हमारा सबक है, वर्तमान हमारा उपहार है और भविष्य हमारी प्रेरणा है।"