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»» Write an essay on the following topic :
=> कैसे हो श्रेष्ठ मानव का निर्माण ?
Word limit - 750 to 1000 words.
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Only quality answer needed^^"
Answers
मैं इन छोटी-छोटी बातों को जीवन में अपनाता हूँ और अपना जीवन श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करता हूं | श्रेष्ठ बनाना मानव खुद के हाथों में होता है | मानव के व्यवहार से होता है | उसकी शिक्षा से होता है |उसके रहने, सहने बोलने , चलने सब से उसकी पहचान होती है | श्रेष्ठ मानव अपने नैतिक मूल्यों की वजह से बनता है |
हमें अपने वर्तमान में जीना चाहिए अतीत और भविष्य की चिन्ता छोड़ देनी चाहिए ।
हमें संख्याओं को दूर फेंक देना चाहिए , जैसे- उम्र,वजन, और लंबाई। इसकी चिन्ता डॉक्टर को करने दीजिये। हमेशा हमें केवल हंसमुख लोगों से दोस्ती रखनी चाहिए । खड़ूस और चिड़चिड़े लोगों से दूर रहना चाहिए नहीं तो आप भी वैसे ही बन जायेंगे | हर बात पर जल्दी परेशान नहीं होना चहिए | खुश रहने के तरीके ढूँढने चाहिए | जीवन में हमें हमेशा कुछ सीखते रहना चाहिए । इनके बारे में कुछ और जानने की कोशिश करते रहना चाहिए| कम्प्यूटर, शिल्प, बागवानी, आदि कुछ भी। दिमाग को निष्क्रिय न रहने दें। हमें अपने से छोटों से भी कुछ सीखना चाहिए | सरल व साधारण चीजों का आनंद लीजिए। वर्ष में एक दिन अनाथालय या वृद्धाश्रम जरूर जायें। अपनी सालगिरह आदि उन लोगों के बीच मनाएं। जब तब अवसर मिले खूब हँसा कीजिए - देर तक और ऊँची आवाज़ में। आँसू तो आते ही हैं , उन्हें आने दीजिए, रो लीजिए, दुःख भी महसूस कर लीजिए और फिर आगे बढ़ जाइए। केवल एक व्यक्ति है जो पूरी जिंदगी हमारे साथ रहता है – वह हैं हम खुद। इसलिए जब तक जीवन है तब तक 'जिन्दादिल ' रहिए। अपने आस-पास वह सब रखिए जो आपको प्यारा लगता हो - चाहे आपका परिवार, पालतू जानवर, उपहार, संगीत, पौधे, कोई शौक या कुछ भी। आपका घर ही आपका आश्रय है। अपनी सेहत को स्वास्थ्य बना के रखिए। यदि यह ठीक है तो बचाकर रखिए, अस्थिर है तो सुधार करिए, और यदि असाध्य है तो कोई मदद लीजिए। अपराध-बोध की ओर मत जाइए। गलत काम करने से बचें |
जाना ही है तो किसी मॉल में घूम लीजिए, पड़ोसी राज्यों की सैर कर लीजिए या विदेश घूम आइए। जहाँ मन को खुशी मिले वहाँ ज़रूर जायें । किसी भी पारिवारिक परंपरा को तोड़ने की पहल स्वयं ना करें, रिश्ते अनमोल होते हैं। जिन्हें आप प्यार करते हैं उनसे हर मौके पर बताइए कि आप उन्हें चाहते हैं; और हमेशा याद रखिए कि जीवन की माप उन साँसों की संख्या से नहीं होती जो हम लेते और छोड़ते हैं बल्कि उन लम्हों से होती है जो हमारी सांस लेकर चले जाते हैं| ईश्वर में विश्वास अपने आप में विश्वास और विश्वास में विश्वास जरूर रखिए । हमें कभी भी मेहनत करने से ना डरें | कभी खुद से झूठ न बोलें | बीते हुए बुरे वक़्त के बारे में सोचकर समय बर्बाद न करें | अपने जीवन को सुख और ख़ुशी से व्यतीत करना चाहिए |
कैसे हो श्रेष्ठ मानव का निर्माण
एक मूर्तिकार किसी के रूप को बनाने के लिए मिट्टी की छोटी से छोटी टुकरो को आपस में पानी की मदद से जोड़ता है ।बार - बार मूर्ति को चारो तरफ से देखता है ।कभी ज्यादा कभी
मिट्टी को करता कभी सुत की टुकड़ों से नापता तब अंत में वह एक मूर्ति बनाता है ।
श्रेष्ठ मानव का निर्माण भी ठीक उसी प्रकार हुआ जिंदगी की हर छोटी - छोटी बातो को
जोड़कर उन्हें मूर्तिकार की तरह तरासता
हैं तब एक मानव का निर्माण होता है ।
श्रेष्ठ मानव वह है जो सभी को अपनी ताकत
दिखाने के लिए युद्ध नहीं करता , किसी को
अपना भय नहीं दिखता दुनिया उसका सामने अपने आप नतमस्तक हो जाती है । अशली श्रेष्ठ मानव वही है ।
सुभाष चन्द्र बोस , महात्मा गांधी , आदि जैसे व्यक्ति आज भी व्यक्ति याद करते हैं ये सभी श्रेष्ठ मानव है । आग की लपट को जो बर्फ़ की तरह बना दे वह सच में श्रेष्ठ मानव है । वीर , साहस, आदि उन्मे कूट - कूट कर भरे हैं ।