English, asked by Anonymous, 11 months ago

\huge\bold\pink{Question:-}

Write self composed poem on corona virus with fight?

Note:- Poem should be in positive way!

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Answers

Answered by dynamogirl
116

\huge{\bf{\underline{\red{Poem}}}}

Tittle -" हम थमे नहीं हैं "

अब, सब थम सा गया है

कहने को तो हम घरों में बंद हैं

पर सब साथ हैं,

परिवार संग है

बचपन फिर लौट आया है

वो कहानियां, किस्से

यादें अब फिर ताजा हो रही

रौनक बस घर में है

बाहर की भागदौड़, अच्छा है गुम सी गई है

सब स्वस्थ है, घर का खाना जो खा रहे

खाने तक ही क्यू?

वादा करो, इस बार पूर्णतः स्वदेशी अपनाएंगे

क्यूं बाहर की बिमारियां फिर लाई जाएं !

अब आसमान खुला है, आबोहवा स्वच्छ है

कितने अरसे हो गए

चिड़ियों की ये मीठी चहचहाहट सुने हुए

प्रकृति को यूं मुस्कुराते देखते हुए

हम थमे नहीं है, फिर से जी उठे हैं

Self Composed poem by

@Dynamogirl \rule{200}2

Answered by vikram991
122

\huge{\bf{\underline{\purple{Self \ Composed \ Poem :}}}} Corona Virus with Fight

1) जंग ये जारी रख।

लड़ने की तैयारी रख।।

लड़खड़ा मगर लड़।

करोना से तू ना डर।।

कठिनाइयां दर ब दर।

करोना जाएगा मर।।

सकून की सांस ले।

दे दिया तूने देह।।

जान की ना कीमत लगा।

मेरा श्वास भी लड़ रहा ।।

राष्ट्र प्रेम में वसीभूत।

बलिदान की अाई रूत।।

रुकावट से ना रुक।

बढ़ता चल एक पल ना झुक।।

दिन है या रात है।

देश तेरे साथ है।।

भारत तेरे साथ है।

करोना को देनी मात है।।

बस थोड़े ओर संघर्ष की बात है।

- Vikram991

\rule{200}2

\huge{\bf{\underline{\red{Corona \ Virus\  on \  Second \ Part :}}}}

"खाली है सबका काम ,यही सोच रहा हूं ।

कोरोना तेरा काम ,यही सोच रहा हूं ।

थोड़े दिनों की बात ,कोई तकलीफ ही नहीं ।

अच्छे ये इन्तजाम ,यही सोच रहा हूं ।।

हट जायेंगी पाबंदियां मुस्कायेंगे चेहरे ।

छलकेंगे फिर सड़के लोगो की भीड़ से ,यही सोच रहा हूं ।

कितने हो दूर मुझसे पर, कितने करीब हो ।

नहीं भूला मैं कोई नाम ,यही सोच रहा हूं ।

ये शाम ये मंजर ,मेरी तन्हाई ओर मैं ।

तुम बिन हैं सब तमाम ,यही सोच रहा हूं ।

- Vikram991

\rule{200}1

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