आशय स्पष्ट कीजिए -
"बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने केमौके ढूँढ़ती है।"
mods are u crazy ! why are u deleting my revelant questions
mere points faltu h kya !
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उपरोक्त पंक्तियों से आशय यह है कि कवि उन लोगों पर समाज के उन लोगों पर व्यंग करता है जो देशभक्तों कि घर गृहस्थी बरसते हैं जिन देशभक्तों ने अपने देश के खातिर अपनी जान आन बान सब कुछ न्यौछावर कर दिया वह लोग ऐसे देश भक्तों पर भी हंसते हैं वह सदैव पैसों की खातिर बिकने के लिए तैयार रहते हैं इस पर कवि ने व्यंग करते हुए कहा है कि भविष्य में ऐसे लोगों का क्या होगा जो ऐसे देश भक्तों पर भी खिल्ली उड़ाते हैं।
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Integration of. (2x-5y)dx + (4x-y)dy =0. given y(1)=4
what's the secret??? *thinking*
OK is ur b.io working..if working plz text me there just see my b.io...BTW I want ur intro plz
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