प्र० 1 “किसान के सुख-दुःख में सबका सुख-दुःख रहता था” लेखक के इस
कथन का आशय स्पष्ट करें |
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किसान के सुख-दुख में सबका सुख-दुख से लेखक का आशय यह है कि गाँव की जमीन का मालिक कोई न रहे, जमीन पर सब काम करें जमीन सबकी हो जाए, सब मिलजुलकर काम करें, एक-दूसरे की सेवा करें, तो सभी सुखी होंगे। जब हम सब गाँव को एक परिवार बनाकर रहेंगे, तो भगवान भी खुश होगा।
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किसान के सुख-दुख में सबका सुख-दुख से लेखक का आशय यह है कि गाँव की जमीन का मालिक कोई न रहे, जमीन पर सब काम करें जमीन सबकी हो जाए, सब मिलजुलकर काम करें, एक-दूसरे की सेवा करें, तो सभी सुखी होंगे। जब हम सब गाँव को एक परिवार बनाकर रहेंगे, तो भगवान भी खुश होगा
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