मृत्यु के बाद नीलकंठ का संस्कार महादेवी जी ने कैसे किया?
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नीलकंठ यह पाठ महादेवी वर्मा जी द्वारा लिखी गयी हैं ।
महादेवी वर्मा जी पशु प्रेमी थी , इसलिए महादेवी वर्मा जी ने पशु-पक्षियों पर बहुत सारी कहानियां लिखी हैं ।
नीलकंठ कहानी भी पशु पक्षी की कहानी में से एक हैं ।
इस पाठ में नीलकंठ एक मोर हैं । महादेवी अपने साथ दो मोरनी के बच्चे ले आती हैं । एक नर मोर का नाम वह नीलकंठ रखती हैं और दूसरे मादा मोर का नाम राधा ।
नीलकंठ स्वभाव में स्नेह , निडर और साहसी हैं ।
अपने स्वभाव के कारण वह लेखिका का प्रेय बन जाता हैं । परन्तु कुब्जा मोरनी के आ जाने से नीलकंठ को आकाल मृत्यु का सामना करना पड़ता हैं । कुब्जा स्नेह भाव से रहना पसंद नहीं हैं । कुब्जा मोरनी आने से पहले सब पशु - पक्षी बहुत खुश और मिलजुलकर रहते थे ।