English, asked by Anonymous, 9 days ago


\huge\red{Question}


लेखक के अनुसार -"पशु बनना छोड़कर आदमी बनो"से क्या के तात्पर्य है ? धर्म की आड़ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।




Answers

Answered by anushkasengupta786
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Answer:

your answer is here

Explanation:

तुम्हारे मानने ही से मेरा ईश्वरत्व कायम नहीं रहेगा, दया करके, मनुष्यत्व को मानो, पशु बनना छोड़ो और आदमी बनो ! उत्तर:- निम्न पंक्तियों का आशय यह है कि केवल मानने से ईश्वर का अस्तित्व नहीं रहेगा बल्कि यदि सही मायनों में हम उसका अस्तित्व कायम रखना चाहते हैं तो हमें हिंसा छोड़कर मानवता को अपनाना होगा।. I hope this will help you. If it helps you plz say thanks and plz mark as the brainliest

Answered by b22554113
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Answer:

'धर्म की आड़' पाठ में निहित संदेश यह है कि सबसे पहले हमें धर्म क्या है, यह समझना चाहिए। पूजा-पाठ, नमाज़ के बाद दुराचार करना किसी भी रूप में धर्म नहीं है। अपने स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह कर शोषण करना और धर्म के नाम पर दंगे फसाद करवाना धर्म नहीं है। सदाचार और शुद्ध आचरण ही धर्म है, यह समझना चाहिए।

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