parimey sankhya hai
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kishankumar81
kishankumar81 Expert
सबसे पहले इसका उलटा मान लेते हैं; यानि मान लेते हैं कि √3 एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
√3 = a/b
या, b√3 = a
दोनों तरफ का वर्ग करने पर यह समीकरण मिलता है;
3b2 = a2
इसका मतलब है कि a2 3 से डिविजिबल होगा और इसलिये a भी 3 से डिविजिबल होगा।
लेकिन यह हमारी पहले के मान का विरोधी है कि a और b कोप्राइम हैं, क्योंकि हमें 3 के रूप में a और b का कम से कम एक कॉमन फैक्टर मिल गया है।
यह हमारे पहले मानी हुई संभावना कि b√3 प्रमेय संख्या है का भी विरोधाभाषी है।
इसलिए एक b√3 अप्रमेय संख्या है सिद्ध हुआ
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